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भोपाल गेट पर सीएम शिवराज ने किया ध्‍वजारोहण, सफाई मित्रों का सम्‍मान

  • मुख्यमंत्री शिवराज ने भोपाल विलीनीकरण आंदोलन के बलिदानियों को श्रद्धापूर्वक याद किया।
  • भोपाल को सुंदर, स्‍वच्‍छ बनाने में सफाई-मित्रों के योगदान को सराहा।
    भोपाल ।
    भोपाल आज अपना गौरव दिवस मना रहा है। इस अवसर पर शहर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में ईदगाह हिल्‍स पर स्‍थित शहीद गेट पर भी गुरुवार सुबह विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान भी सम्‍मिलित हुए। इस अवसर पर शहीद गेट को आकर्षक ढंग से सजाया गया। सीएम शिवराज ने यहां पहुंचकर भोपाल विलीनीकरण के आंदोलन में योगदान देने वाले बलिदानियों के चित्रों पर माल्‍यार्पण कर उन्‍हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने ध्‍वजारोहण कर भोपालवासियों को गौरव दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने सफाई-मित्रों को सम्‍मानित भी किया। सीएम ने कहा कि हमारे भोपाल को सुंदर बनाने वाले और शहर के गौरव में इन सफाई मित्रों का योगदान सबसे बड़ा है। सीएम नेे घोषणा की कि अगले वर्ष से 01 जून को भोपाल में अवकाश भी रखा जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश के चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री विश्‍वास सारंग, महापौर मालती राय, पूर्व महापौर व भाजपा नेता आलोक शर्मा समेत बड़ी संख्‍या में लोगों ने अपनी उपस्‍थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा कि कई लोगों, खासकर नई पीढ़ी को पहले मालूम भी नहीं था कि अपना देश तो 15 अगस्‍त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन तब भोपाल को आजादी नहीं मिली। यहां के नवाब ने भोपाल रियासत को भारत में विलीन करने से इंकार कर दिया था। तब यहां के लोगों ने विलीनीकरण आंदोलन चलाया। लगभग पौने दो साल तक भोपाल के लोगों ने लगातार इस रियासत को भारत में विलीन कराने के लिए आंदोलन किया। इस दौरान कुछ लोगों ने अपने प्राणों का सर्वोच्‍च बलिदान भी दिया। तब जाकर 01 जून 1949 को भोपाल आजाद भारत का अंग बना। बोरास में हमारे लोग शहीद हुए। भोपाल भारत का हिस्सा बने, इसलिए खून की अंतिम बूंद तक दे दी। पं. उद्धवदास मेहता, मास्टर लाल सिंह, बालकृष्ण गुप्ता, डॉ. शंकरदयाल शर्मा समेत कई महापुरुषों ने भोपाल विलीनीकरण की लड़ाई लड़ी। लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जब नवाब को आंखें दिखाई तो 1 जून 1949 को भोपाल भारत का अंग बना। इसलिए भोपाल ने तय किया कि भोपाल की आजादी का दिन ही गौरव दिवस होगा। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि भोपाल का गौरवपूर्ण इतिहास सबको पता रहे, इसके लिए शोध संस्थान जैसी रचना बना कर राजा भोज, रानी कमलापति से लेकर भोपाल का अब तक का पूरा इतिहास उसमें समाहित हो सके, ऐसे प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज ने भोपाल गौरव दिवस पर नगरवासियों को स्वच्छता का संदेश दिया। उन्‍होंने ईदगाह हिल्स हेमू कालानी कालोनी, प्रभु नगर पहुंचकर घरों से एकत्रित सूखा और गीला कचरा नगर निगम के कचरा वाहन में डाला तथा रहवासियों से स्वच्छता में सक्रिय सहयोग की अपील की।

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