- प्रशासन ने सात स्थानों पर राहत शिविर लगाए हैं और लोगों को नदियों के किनारे और भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।
ईटानगर । अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में रविवार सुबह बादल फटा। कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। स्थानीय आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से मूसलाधार बारिश हो रही है। पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार भी हुआ, लेकिन रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं था। हाईवे-415 पर जलभराव होने से कई वाहन फंसे हुए हैं। वहीं मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश का मालवा इलाके के अलावा गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके बाद माना जा रहा है कि इनमें से कुछ इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
असम में हालात अब भी भयावह
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। यहां अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 10 जिलों में 1.17 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित है। इन जिलों के 27 राजस्व क्षेत्र के 968 गांव बाढ़ से जलमग्न हो गए हैं।
बाढ़ से निपटने के लिए दूरगामी नीति तैयार करें: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बाढ़ से निपटने और कृषि, सिंचाई और पर्यटन को विकसित करने में मदद के लिए ब्रह्मपुत्र के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में तालाबों की संख्या बढ़नी चाहिए। शाह ने बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों सहित उपलब्ध डाटा के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दिया।