भाजापा सरकार ने देशभर में सीएए लागू कर दिया है। भारत में इस समय लोकसभा चुनाव करीब हैं और तभी पीएम मोदी ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है। वर्ष 2020 में सीएए के खिलाफ काफी प्रदर्शन किए गए थे इसका एक बड़ा कारण यह भी था की प्रदर्शन में मौजूद लोगों को कानून की कम या गलत जानकारी थी लेकिन अब 2024 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आने के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए मुस्लिम अल्पसंख्यक लोग जो 31 दिसम्बर 2014 से पहले किसी न किसी तरह के अत्याचार से पीड़ित होकर भारत पहुंचे थे अब उन लोगों को बगैर किसी दस्तावेज के भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
क्यों पड़ी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की जरूरत?
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा की बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई अल्पसंख्यक लोग भारत में आकर तो बस गए लेकिन उन्हें अभी तक भारत की नागरिकता प्राप्त नहीं हुई जिस कारण वह लोग भारतीय नागरिकता के लाभ को प्राप्त कर पाए, लेकिन अब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद उन्हे किसी भी प्रकार के अधिकार से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को ही क्यों दी गई नागरिकता..?
भारत देश में सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोग रहते हैं और इन सभी धर्मो के लोगों का अन्य देशो से पलायन कर भारत में आकर बस जाने का कारण यह था कि वे लोग जबरन धर्म परिवर्तन का खतरा, उत्पीड़न, भेदभाव, शारीरिक असुरक्षा के खतरों से पीड़ित थे। अधिकतर आकंडों से पता चलता है कि अल्पसंख्यक मुस्लिम पड़ोसी देशों से भारत आए है और देखा गया है कि सभी मुस्लिम पड़ोसी देश अल्पसंख्यकों को छोड़कर सभी मुस्लिमों को सर्वोच्च स्थान देते हैं। जबकि भारतीय संविधान सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करता है और मुसलमानों के साथ-साथ बाकी अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन में विशेष अधिकार देता है।
By Shalini Chourasiya