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‘एलएसी पर चीन की हरकतों ने रणनीतिक विश्वास को खत्म किया’, चीनी एनएसए से अजित डोभाल की दो टूक

  • वांग ने डोभाल से कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए।
  • द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत करना चाहिए।
    जोहान्सबर्ग,
    दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में ब्रिक्स देशों का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन से इतर भारत के एनएसए अजित डोभाल ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। यह बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा इंडोनेशियाई राजधानी जकार्ता में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हुई है। इस दौरान दोनों के बीच भारत-चीन से जुड़े सीमा विवाद पर भी चर्चा हुई है। वांग ने डोभाल से दोनों देशों के बीच रिश्तों को स्थिर करने की बात कही। इसके जवाब में डोभाल ने भी दोनों देशों के आपसी हितों का जिक्र किया।
    लंबे समय से है दोनों देशों में तनाव
    गौरतलब है, लंबे समय से भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। जयशंकर ने इस मुद्दे को अपने लंबे राजनयिक करियर की सबसे जटिल चुनौती बताया है। भारत का कहना है कि जब तक सीमा क्षेत्र में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
    डोभाल से यह बोले वांग
    सोमवार को हुई बैठक में वांग ने डोभाल से कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही आम सहमति और सहयोग पर ध्यान केंद्रित और बाधाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत और स्थिर विकास की पटरी पर लाना चाहिए। वांग ने जोर देकर कहा कि चीन भारत समेत व्यापक विकासशील देशों के साथ बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतांत्रिकरण का समर्थन कर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अधिक न्यायपूर्ण दिशा की ओर बढ़ाने को तैयार है ।
    भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण
    विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने भारत-चीन सीमा विवाद पर बात की। एनएसए ने कहा कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है। इस मौके पर स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं
    भारतीय एनएसए ने की कई बैठकें
    इससे पहले सोमवार को डोभाल ने ब्रिक्स सदस्य देशों की बैठक में साइबर सुरक्षा से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया था। उन्होंने ब्रिक्स देशों के अपने समकक्षों और मित्रों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। बता दें, दक्षिण अफ्रीका अगले महीने होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है।

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