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अमित शाह के अरुणाचल दौरे से गुस्साया चीन

  • यात्रा को लेकर चीन कड़ा विरोध जता रहा है. दरअसल चीन इस पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है.
    नई दिल्‍ली.
    अरुणाचल में 11 जगहों के नाम बदलने की चीन की कार्रवाई के एक हफ्ते बाद भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमा पर बसे ‘भारत के पहले गांव’ का दौरा किया और करोड़ों रुपये की योजाओं का ऐलान किया.सोमवार को भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया और वहां 48 अरब रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया. अमित शाह ने कहा कि इन परियोजनाओं से भारत की सीमाओं की सुरक्षा और बेहतर होगी. ये वही इलाका है, जिसे चीन अपना बताता है और हाल ही में उसने वहां की कई जगहों का नया नामकरण कर दिया था, जिस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई थी. गृह मंत्री ने कहा कि नई योजनाएं चीन की सीमा से लगते करीब 3,000 गांवों और एक केंद्रशासित प्रदेश (लद्दाख) में लागू होंगी और इनका मकसद सीमा पार से आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकना है. अपने दौरे पर अमित शाह ने कहा कि सीमा पर सेना तैनात है और जवान सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भारतीय इलाकों की ओर आंख उठाकर ना देखे. चीन ने अमित शाह के इस दौरे का विरोध किया था और सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारतीय गृह मंत्री का दौरा चीन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है. पिछले कुछ महीनों से अरुणाचल प्रदेश भारत और चीन के बीच तनाव का कारण रहा है और दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए इलाके में गतिविधियां करते रहे हैं. भारत का पहला गांव पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. पिछले महीने ही चीन अरुणाचल के 11 इलाकों को नए नाम दे दिये थे, जिनमें पांच पहाड़ियां भी शामिल हैं. पिछले हफ्ते जारी एक नये नक्शे में 11 इलाकों को इन नए नामों के साथ दिखाया गया था. चीन ने इन इलाकों को जंगनान प्रांत में दिखाया था, जिसमें दक्षिणी तिब्बत भी शामिल है. चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान का हिस्सा बताता है. भारत के लिए खतरे की घंटी है भूटान के रुख में आया बदलाव अमित शाह ने कहा कि भारत के अंदरूनी इलाकों में रहने वाले लोग सीमा पर तैनात जवानों की बहादुरी और बलिदान के कारण ही चैन की नींद सो पाते हैं. चीन की सीमा से लगते राज्य के अन्जॉ जिले के किबीथू गांव में उन्होंने कहा, “उनके कारण ही कोई भी हमारी सीमाओं की ओर आंख उठाकर नहीं देख पाता है.” किबिथू भारत की सीमा पर आखिरी गांवों में से एक है और चीन से कुछ ही किलोमीटर दूर है. 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चीनी सैनिकों ने जिन इलाकों पर सबसे पहले हमला किया, किबिथू उन्हीं में से एक था. वहां आयोजित एक जनसभा में शाह ने इसे ‘भारत का पहला गांव’ बताते हुए कहा, “आज हम गर्व से कह सकते हैं कि वे दिन चले गए जब कोई भी हमारे इलाके पर कब्जा कर लेता था.” वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम सोमवार को अमित शाह ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि दस साल पहले यह चिंता थी कि गांव खाली हो रहे हैं लेकिन इस योजना के जरिये बैंकिंग, बिजली, गैस, नौकरियां और दूसरी जगहों से गांवों को जोड़ने जैसे सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी. 2014 में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी सरकार ने चीन से लगती 3,800 किलोमीटर लंबी सीमा पर ढांचागत विकास करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए हैं. विश्लेषक कहते हैं कि इस बात ने चीन को काफी परेशान किया है. सोमवार को अमित शाह के दौरे पर भी चीन का गुस्सा नजर आया. वहां के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे पर आपत्ति जतायी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “जंगनान चीन का क्षेत्र है. भारतीय नेताओं द्वारा जंगनान का आधिकारिक दौरा करना चीन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है और शांतिपूर्ण माहौल बनाये रखने के लिए ठीक नहीं है.”

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