रोजगार सहायकों के हो सकेंगे स्थानांतरण
23 हजार सरपंचों के मास्टर ट्रेनर बने शिवराज, पढ़ाया कैसे करें विकास
भोपाल के जंबूरी मैदान में प्रदेशभर के सरपंचों का प्रशिक्षण
भोपाल। प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष फोकस किए हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आज प्रदेश भर के 22800 सरपंचों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में दोपहर 12 बजे से प्रशिक्षण सत्र का आयोजन शुरू हो गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 4250 कर दिया है। वर्ततान में 1750 रुपए प्रतिमाह सरपंचों का मानदेय है। मुख्यमंत्री ने महासंघ की मांगों को पूरा करते हुए रोजगार सहायकों के स्थानांतरण की घोषणा की है। वहीं निर्माण कार्यों के एसओआर में एकरूपता लाने के लिए उसे एक करने के निर्देश मंच से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सरपंचों को ग्रामीण विकास और समरस पंचायत बनाने के लिए काम करने की अपील क है।

जंबूरी मैदान में प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिए उसके आसपास के मार्गों को परिवर्तित किया गया है। सम्मेलन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पंचायत के विकास की प्लानिंग को लेकर प्रशिक्षण देंगे। बतौर मास्टर ट्रेनर मुख्यमंत्री सरपंचों को गांवों के विकास के लिए चल रही केन्द्र और सरकार की योजनाओं की प्लानिंग और क्रियान्वयन के गुर सिखाएंगे।
सीएम हेल्पलाइन में झूठी एफआईआर पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रदेश भर के सरपंच, उप सरपंच व पंच महासंघ कई मांगें उठाई हैं, जिनमें से अधिकांश को मुख्यमंत्री ने मंच से ही पूरा करने की घोषणा कर दी हैं। निर्माण कार्यों को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सीएसआर (तकनीकी मापदंड) में अन्य विभाग जैसे पीडब्ल्यूडी, पीआईयू, प्रधानमंत्री सड़क, नगर निगम, नगर पालिका, पीएचई आदि के पक्के निर्माण की दर में अंतर है।

ग्राम पंचायत को कोई भवन बनाने के लिए तीन लाख रुपए मिल रहे हैं, जबकि अन्य निर्माण एजेंसियों को वही कार्य करने के लिए पांच लाख रुपए तक प्राप्त होते हैं। इसे ठीक करने के साथ सरपंचों का मानदेय 25 सौ रुपए को देने के साथ पंचों को नगर परिषद के पार्षद के समान मानदेय देने की मांग की गई।
मुख्यमंत्री ने सभी मांगें पूरी कर दी हैं। साथ ही सीएम हेल्पलाइन में होने वाली झूठी शिकायतों को बंद करने के साथ बीपीएल राशन कार्ड बनाने की कार्रवाई फिर से शुरू करने की मांग की गई, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।
Chief Minister Shivraj Singh’s big announcement: Sarpanch’s honorarium has been increased to 4250, now it is 1750 rupees.
mukhyamantree shivaraaj sinh kee badee ghoshana : sarapanchon ka maanadey badhaakar 4250 kiya, abhee 1750 rupe hai.