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- ‘चंद्रयान-3′ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर ले गया।
श्रीहरिकोटा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शुक्रवार को देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3′ को लॉन्च किया। LVM3M4 रॉकेट के जरिए इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3′ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर ले गया। इस रॉकेट को पूर्व में GSLVMK3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ और बाहुबली भी कहते हैं। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से चंद्रयान को लॉन्च किया गया। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से 10,000 से ज्यादा लोग सुबह से ही श्रीहरिकोटा में मौजूद थे, जो इस ऐतिहासिक क्षणों के गवाह बने। अगर सब ठीक रहा तो 23 अगस्त को रोवर के साथ चंद्रयान-3 लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। लैंडर के टचडाऊन करने के थोड़ी देर बाद उसका रैंप खुलेगा, जिससे रोवर उतरकर नीचे सतह पर आएगा। लैंडर-रोवर दोनों भारतीय तिरंगे के साथ अपनी पहली सैल्फी इसरो को भेजेंगे। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2′ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था।