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- पूरी दुनिया की निगाहें भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 पर टिकी हुई हैं।
- चंद्रयान-3 की तुलना अगर चीन और अमेरिका के मून मिशन से की जाए तो ये काफी सस्ते में तैयार हुआ है।
नई दिल्ली । चांद पर भारत का तिरंगा लहराने के लिए आज इसरो का तीसरा मून मिशन लॉन्च होने जा रहा है। चंद्रयान-3 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करेगा। पूरी दुनिया की निगाहें भारत के इस मून मिशन पर टिकी हुई हैं। चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। LVM-3 एक भारी-भरकम प्रक्षेपण यान है, जो अंतरिक्ष में एक बड़ा पेलोड ले जा सकता है। यह इसरो द्वारा विकसित अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। इसरो द्वारा लॉन्च किए जा रहा चंद्रयान-3 पहले के मिशन से थोड़ा अलग है। चंद्रयान-1 में इसरो ने केवल ऑर्बिटर रखा था। चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी थे। अब चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं है, लेकिन लैंडर और रोवर रहेंगे। इसरो ने पहले की तरह लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का प्रज्ञान रखा है। चंद्रयान-3 मिशन को साल 2021 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना के चलते इसमें देरी हुई। बता दें कि चंद्रयान-2 में लैंडर क्रैश हो गया था और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को इसका मलबा मिला था।
अमेरिका और चीन से भी कम बजट में तैयार
चंद्रयान-3 मिशन का बजट करीब 615 करोड़ रुपये है। यह चंद्रयान-2 के लिए आवंटित राशि से भी काफी कम है, क्योंकि पिछले मिशन के लिए 960 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। बता दें कि इसकी तुलना अगर चीन और अमेरिका के मून मिशन से की जाए तो ये काफी सस्ता है। चीन ने मून मिशन चांग-ई 4 को 69.38 लाख करोड़ रुपये में पूरा किया था तो वहीं, अमेरिका ने अपने मून मिशन पर अब तक 825 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।