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- चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे।
बंगलुरू, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंगलवार को चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को पृथ्वी की कक्षा से निकालकर सफलतापूर्वक चांद की कक्षा की तरफ रवाना किया। इसरो ने बयान में कहा कि ‘चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की कक्षा का चक्कर पूरा कर लिया है और अब यह चांद की तरफ बढ़ रहा है।’
पांच अगस्त का दिन अहम
इसरो ने बताया किइस्ट्रैक (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क) सफलतापूर्वक पेरिजी फायरिंग की गई। जिसके बाद अंतरिक्षयान ने चांद की अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अगल कदम चांद है। पांच अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद 16 अगस्त तक अंतरिक्षयान चांद की कक्षा में चक्कर लगाएगा। 17 अगस्त को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग होगा। 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर लैंडिंग करनी है।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-3
इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर अपनी महत्वकांक्षी योजना चंद्रयान-3 अंतरिक्षयान को रवाना किया था। चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर भूकंप कैसे आते हैं साथ ही चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।