भारत की आगवानी में 8 से 10 सितम्बर के बीच आयोजित जी 20 सम्मेलन का रविवार सफलतापूर्वक समापन हो गया है। लेकिन बीतें दो दिनों से लगातार दुनिया भर की मीडिया में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो चर्चा का विषय बने हुए है। दरअसल, पीएम ट्रूडो का विमान खराब हो जाने के कारण उन्हें तीन दिनों तक भारत में अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ रुकना पड़ा।
लेकिन इसके अलावा सोशल मीडिया पर उन्हें खालिस्तान मुद्दे पर भी ट्रोल किया जा रहा है। जी 20 शिखर सम्मेलन में संक्षिप्त बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा लगातार की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों पर भारत की कड़ी चिंताओं से अवगत कराया। लेकिन इस बीच, कनाडाई प्रधान मंत्री ने मीडिया के साथ सम्बोधन में करते हुए खालिस्तान चरमपंथ पर सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा “पिछले कुछ वर्षों में, पीएम मोदी के साथ हमने इन दोनों मुद्दों पर कई बातचीत की है। “उन्होंने बोलने की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करने का दावा किया और कहा कि ये अधिकार उनके देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थे। उन्होंने कहा, “साथ ही हम हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए हमेशा मौजूद हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि समुदाय के मुद्दे पर, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। इसका दूसरा पक्ष, हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमने खालिस्तान और विदेशी हस्तक्षेप के मामलों पर विदेशी हस्तक्षेप के बारे में बात की।
जिसके बाद उनके देश की मीडिया में काफी ज्यादा ट्रोल हो रहे है। कनाडा के अखबार ‘दी सन’ ने ट्रूडो और पीएम मोदी की एक तस्वीर छापी है, जिसका टाइटल ‘दिस वे आउट’ दिया है. इस तस्वीर में ट्रूडो पीएम मोदी से हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं, वहीं पीएम मोदी उन्हें आगे बढ़ने का इशारा कर रहे हैं. अखबार ने लिखा है कि ट्रूडो को लगता है कि उनके भारत जी20 में कुछ अच्छे दोस्त हैं।
दिलचस्प बात यह है कि नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन सहित विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, हालांकि, प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडिया के साथ यह एक ‘अलग-अलग बैठक’ थी।