दूसरे जिलों के चुनाव न लडऩे वालों को मिलेगी जिम्मेदारी
भोपाल। आगामी चुनाव में 51 प्रतिशत वोट शेयर और 200 सीटें हासिल करने का टारगेट लेकर चल रही भाजपा में जल्द ही जिलों में भी चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा पार्टी द्वारा संभागीय प्रभारी भी नियुक्त किए जाने पर विचार किया जा रहा है। जिलों के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारियों के माध्यम से पार्टी अगस्त के बाद पार्टी के जिताऊ उम्मीदवारों के नाम मंगाने और रायशुमारी कराने का काम भी करेगी।
इसके अलावा जिलों में विधानसभा क्षेत्रों में किए जाने वाले कामों को लेकर जिला चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी प्रदेश और केंद्र के फीडबैक अमल में लाने का काम करेंगे। इसके लिए पार्टी द्वारा जल्द ही जिलों से नाम बुलाए जाने की तैयारी है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिलों में जो जिला प्रभारी और सह प्रभारी बनाए जाएंगे वह उसी जिले के न होकर दूसरे जिलों से बुलाकर भेजे जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व से मिलने वाले निर्देशों पर सख्ती से अमल करने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। बताया जाता है कि चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की यह जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सौंपी जाएगी जो चुनाव लडऩे की दावेदारी नहीं करेंगे और सह प्रभारी व चुनाव प्रभारी का जिम्मा मिलने के बाद जिले में पार्टी के निर्देशानुसार पर्याप्त समय देंगे।
एक एक वोट के लिए माइक्रो मैनेजमेंट का काम
भाजपा की टीम एक-एक वोट के लिए माइक्रो मैनेजमेंट में जुटी है। इसलिए बीजेपी में चुनाव प्रबंधन, चुनाव संचालन समेत अन्य चुनावी समितियों पर मंथन लगभग पूरा हो गया है। इसके लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों की टीम इस समय प्रदेश भाजपा कार्यालय में चुनाव से जुड़े मुद्दों पर पाइंट टू पाइंट डिस्कसन में जुटी है।
दिन भर हुई बैठकों में प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव, नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद समेत अन्य पदाधिकारियों की टीम शामिल रही। रविवार को सुबह से चुनाव से संबंधित छह समितियों के गठन और उसके कामों को लेकर बैठक में चर्चा की गई है।
इस टीम द्वारा चुनाव के मद्देनजर मीडिया टीम और वार रूम की व्यवस्थाओं को लेकर भी कार्यालय परिसर का भ्रमण किया जाकर व्यवस्था करने और इन कामों के लिए टीम में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को लेकर चर्चा की जा रही है। इसके साथ ही चुनाव संचालन समिति, दृष्टि पत्र समिति, अनुशासन समिति, विधि संबंधी समिति और अन्य चुनावी समितियों के कामकाज को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
BJP will make election in-charge and co-in-charge in districts, consideration of appointing divisional election in-charge.