नई दिल्ली। इस्लामाबाद में चल रहे बलोचिस्तान के लोगों के प्रतिरोध पर पाकिस्तानी पुलिस लुका-छिपी का खेल खेल रही है। गुरुवार शाम को उसने धरना स्थल पर आयोजित की जाने वाली एक पत्रकार वार्ता को बलपूर्वक रोक दिया। जिसके बाद आंदोलनकारियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस बीच, पुलिस ने कुछ गुमशुदा लोगों को दबाव में आकर छोड़ा भी है। इनमें एक शोध छात्र की रिहाई पर धरना स्थल पर जश्न का माहौल रहा।
बलोच यकजाहिती कमेटी ने आज शाम एक पत्रकार वार्ता बुलाई थी। पुलिस ने न केवल इस्लामाबाद प्रेस क्लब में धरना दे रही महरंग व उनके साथियों के लाउड स्पीकर बगैरा भी छीने अपितु बलपूर्वक कांफ्रेस भी नहीं होने दी। इसके पहले धरना स्थल पर एक संगोष्ठी हुई। इसमें आंदोलन का नेतृत्व कर रही डॉ. महरंग बलोच ने कहा -बलोच समाज की संपत्ति को खत्म कर दिया गया है और हमारे अपने संसाधनों का उपयोग बलोचिस्तान में क्रूरताएं करने के लिए किया जा रहा है।
इस बीच, पाकिस्तान प्रशासन को पकड़े गए कुछ लोगों को छोड़ना पड़ा है। इनमें एक शोध छात्र डॉ. जहीर बलोच की रिहाई से धऱना दे रहे बलोचियों में जश्न का माहौल रहा। लेकिन बलोच हर जगह अपने गुमशुदा परिजनों की तस्वीरें लहरा रहे हैं और सोशल मीडिया पर इनकी कहानियां सुना रहे हैं। अब भी वह कई पकड़े गए लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे हैं। लापता लोगों की सूची बनाने का काम भी धरनास्थल पर किया जा रहा है। पाकिस्तानी सेना ने पिछले सालों में सात सौ ज्यादा लोगों को लापता कर दिया है। कुछ की लाशें क्षत-विक्षत हालत में परिजनों को सौंपी गई थीं। धरने का नेतृत्व कर रही डॉ. महरंग बलोच के पिता के साथ भी यही त्रासदी हुई थी। इस बीच कुर्दों के संगठन रोजावा कुर्द ने समर्थन जाहिर किया है। यह दक्षिणी बलोचिस्तान के लोगों का संगठन है। कुर्द सीरिया मूल के माने जाते हैं। पाक पुलिस व सेना ने बलोचिस्तान में तैनाती बढ़ा दी है।