कमलनाथ का आरोप- आदिवासी अत्याचार पर सरकार नहीं कराना चाहती चर्चा
सत्ता पक्ष ने कहा- सदन की मान्य परंपराओं का अपमान करना कांग्रेस की आदत
महंगाई के विरोध में हरी मिर्च और टकाटर की माला पहनकर विधानसभा आईं कांग्रेस विधायक
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मंगलवार को हंगामे के साथ ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सदन में मंगलवार सुबह जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम पहुंचे, कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया, बाला बच्चन प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए चर्चा कराए जाने की मांग करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने विपक्ष के विधायकों को शांत कराने लगे, लेकिन वे आदिवासी मुद्दे पर चर्चा कराने पर जोर देने लगे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदन की मान्य परंपराओं को तोड़ रही है।
सदन में वंदे मातरम का गायन नहीं होने दे रही, मृत सदस्यों के निधन का उल्लेख नहीं होने दे रही है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा कराने की मांग को लेकर बहुत समय होने का हवाला देकर कांग्रेस विधायकों को शांत कराया। इसके बाद सदन की कार्यवाही श्ुारू हो सकी। वंदे मातरम का गायन और विधानसभा के पूर्व सदस्यों, प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व केंद्रीय मत्री सहित अन्य हादसों के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
प्रश्न काल समाप्त होते-होते नेता प्रतिपक्ष खड़े हुए और प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार होने का आरोप लगाते हुए सदन में चर्चा कराने की मांग करने लगे। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस मुद्दे पर अध्यक्ष को स्थगन प्रस्ताव दिया था।
कमलनाथ के खड़े होते ही प्वाइंड ऑफ आर्डर
नेता प्रतिपक्ष ने आदिवासी मुद्दे पर बोलने के बाद कमलनाथ इस मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने प्वाइंट ऑफ आर्डर कहते हुए कहा कि जब आदिवासी मुद्दे पर बोलने के लिए समय निर्धारित ही नहीं हुआ और नेता प्रतिपक्ष को आसंदी से बोलने के लिए समय मिला तो कमलनाथ जी कैसे इस विषय पर बोल रहे हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहने लगे कि सत्ता पक्ष प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा ही नहीं कराना चाहता है।
संसदीय कार्य मंत्री के खड़े किए प्रश्न के जवाब में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि आज सुबह कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। सज्जन वर्मा ने कहा कि जब कार्य मंत्रणा समिति में हुई चर्चा को मानना ही नहीं तो बैठक का औचित्य ही क्या है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि समिति के औचित्य पर सवाल उठाना गलत है। समिति की बैठक में मैं भी था, इस मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन निर्णय कुछ नहीं हुआ था। कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर मैं विचार कर निर्णय लूंगा, तब इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंचे विधायक
आदिवासी मुद्दे पर चर्चा नहीं कराए जाने से नाराज कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए। इसके बाद एक-एक कर करीब दो दर्जन कांग्रेसी विधायक गर्भगृह में चर्चा नहीं कराने पर सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भारी हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दस मिनट बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेसी विधायक सीधी कांड का उल्लेख करते हुए आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा कराने पर अड़ गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी बहास, नोंकझोंक के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
मान्य परंपराएं तोड़ रहे कांग्रेस विधायक
सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने सदन में राष्ट्रगीत नहीं होने दिया। दिवंगतों को श्रद्धांजलि देना था, वो नहीं होने दे रहे। ये क्या चर्चा करेंगे। सदन की मान्य परंपराएं तोड़ रहे हैं, सदन नहीं चलने दे रहे हैं। जिस घटना का जिक्र कर रहे हैं, उस मामले में सारी कार्रवाई हो चुकी है। शिवपुरी का भी एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें शकील व अन्य ने दो दलित युवकों के मुंह में मल भर दिया, उस मुद्दे पर कोई बात नहीं कर रहे हैं। यह कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति है।
चर्चा कराने से बच रही सरकार
मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सीधी मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दिया था, लेकिन अभी तक स्वीकार नहीं किया। सरकार आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा कराने से बच रही है। चर्चा नहीं कराना चाहती। यह विपक्ष को दबाने और आरोपियों पर सहानुभूमि की राजनीति है। उन्होंने कहा कि अपराधियों पर सरकार की सहानुभूति है। विपक्ष को दबाने की राजनीति की जा रही है।
Assembly: Uproar on tribal issue, first ten minutes, adjourned for the second time till 11 am on Wednesday.