गृह मंत्री ने बताया कि इन दंगों के दौरान आखिर क्या हुआ। शाह ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर पीएम और भाजपा सरकार पर लगे सभी आरोप राजनीति से प्रेरित थे। उन्होंने कहा कि गोधरा कांड के चलते ही ये घटना घटी।
नई दिल्ली । बीस साल के लंबे अंतराल के बाद आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 2002 में गुजरात दंगों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गृह मंत्री ने एक साक्षात्कार में बताया कि इन दंगों के दौरान आखिर क्या हुआ। शाह ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर पीएम और भाजपा सरकार पर लगे सभी आरोप राजनीति से प्रेरित थे। उन्होंने इसे भाजपा और पीएम मोदी को बदनाम करने की एक योजनाबद्ध साजिश बताया। शाह का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के एक दिन बाद आया है जिसमें कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ गुजरात दंगों को लेकर याचिका को खारिज कर दिया।
आरोप लगाने वालों को माफी मांगने को कहा
शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इससे यह साफ हो गया है कि पीएम मोदी पर गलत आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों को अब माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि मोदीजी ने हमेशा ही कानून का साथ दिया।
तहलका के स्टिंग आपरेशन को बताया साजिश
अमित शाह ने कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएम मोदी के खिलाफ दाखिल याचिका पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि अपने फैसले में कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि गोधरा ट्रेन जलाने के बाद हुए दंगे पूर्व नियोजित नहीं थे, बल्कि स्व-प्रेरित थे। शाह ने कहा कि तहलका के स्टिंग आपरेशन को कोर्ट ने खारिज कर दिया क्योंकि जब इसके पहले और बाद के फुटेज सामने आए तो पता चला कि स्टिंग आपरेशन राजनीति से प्रेरित था।
गोधरा ट्रेन का जलना ही दंगों का मूल कारण
गुजरात दंगों के मूल कारण को बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि गोधरा ट्रेन को जलाने के कारण ही यह घटना घटी। उन्होंने कहा कि 16 दिन के बच्चे सहित 59 लोगों को आग के हवाले किया गया, लेकिन इसका जिक्र नहीं किया गया। शाह ने कहा कि दंगें न फैले इसके लिए घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया और परिवारों द्वारा शवों को बंद एम्बुलेंस में उनके घर ले जाया गया।
तीस्ता सीतलवाड़ पर लगाए कई आरोप
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शाह ने कहा कि कोर्ट ने बता दिया है कि जाकिया जाफरी ने किसी और के निर्देश पर काम किया है। इसके पीछे एक एनजीओ था जिसने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं चला। शाह ने कहा कि सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था। और जब यूपीए सरकार उस समय सत्ता में आई, तो उसने इस एनजीओ की मदद की।
कांग्रेस पर किया कटाक्ष
शाह ने इस दौरान कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने एसआईटी के सामने पेश होते हुए ड्रामा नहीं किया – मेरे समर्थन में सामने आओ, विधायकों-सांसदों को बुलाओ और धरना करो। अगर एसआईटी सीएम से सवाल करना चाहती है, तो वह खुद सहयोग करने के लिए तैयार थे। आखिर विरोध हो भी क्यों?
