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भविष्य में गेम चेंजर साबित होंगे 5.5वीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान

  • भारत 2028 तक 5.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का पहला प्रोटोटाइप बनाने की तैयारी कर रहा है।

नई दिल्ली। स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) विकसित करने की योजना के तहत भारत 2028 तक 5.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का पहला प्रोटोटाइप बनाने की तैयारी कर रहा है। भारतीय वायुसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हालिया बैठक में इस परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई और इसके रोडमैप की समीक्षा की गई।

5.5वीं पीढ़ी का एएमसीए एक स्टील्थ विमान होगा

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 5.5वीं पीढ़ी का एएमसीए एक स्टील्थ विमान होगा और इसका वजन लगभग 27 टन होगा। यह काफी ज्यादा वजन के हथियार ले जाने में सक्षम होगा। इसके निर्माण में शामिल एजेंसियां ऐसी क्षमताओं का विकास करने में जुटी हैं ताकि विमान पूरी तरह गुप्त तरीके से मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हो।

पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार हो जाएगा

अधिकारियों ने कहा कि अगर इंजन का उत्पादन और अन्य संबंधित कार्य समय से हुए तो इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार हो जाएगा। भविष्य की लड़ाई के लिए विमान को विकसित करने एवं उसे तैयार करने में कम से कम छह-सात वर्षों का समय लगेगा।

विमान परियोजना के लिए डीआरडीओ विकास एवं उत्पादन साझीदार का भी चयन करेगा जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम व निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल होंगी।

उत्पादन 2035 तक शुरू होने की संभावना

5.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 तक शुरू होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि 4.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का प्रोटोटाइप अब एक वर्ष विलंब से 2026 में तैयार होने की उम्मीद है।

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