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- सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री 26 जनवरी तक 42 प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन कर सकते हैं.
- प्रधानमंत्री ने बैठक में मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं को लोगों के बीच लेकर जाएं.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 26 जनवरी तक लगभग 42 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन कर सकते हैं, जिनमें से हर एक की कीमत 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक है. चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट और पंबन रेलवे ब्रिज प्रोजेक्ट सहित कुल 42 परियोजनाएं हैं. जिनपर पूरी दुनिया की नजर है. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से आम जनता के बीच लोगों को परियोजनाओं की जानकारी देने के लिए 9 महीने की यात्रा करने को कहा है. सोमवार को मंत्रिपरिषद की पांच घंटे तक चली बैठक के दौरान इन परियोजनाओं पर चर्चा हुई, जहां पीएम मोदी ने पिछले नौ वर्षों में कड़ी मेहनत करने के लिए मंत्रियों और सचिवों की सराहना की.
नीति नहीं परिणाम दिखना चाहिए
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में सरकार की कई उपलब्धियां हैं. लेकिन अब ध्यान ‘9 महीने की यात्रा’ पर है. पीएम मोदी ने कहा कि सभी बड़ी परियोजनाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी. पीएम मोदी ने मंत्रियों से बैठक में कहा, ‘नीति दिखाने से नहीं चलता है, परिणम दिखना चाहिए.’ सूत्रों का कहना है कि मुख्य फोकस लगभग 42 प्रमुख हस्ताक्षर परियोजनाओं पर है, जिनमें से प्रत्येक की लागत 5000 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री 26 जनवरी, 2024 तक कर सकते हैं.
इन परियोजनाओं का 26 जनवरी को हो सकता है उद्घाटन
इन प्रमुख परियोजनाओं में दुनिया का सबसे ऊंचा पुल – चिनाब ब्रिज भी शामिल है. जो जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में तैयार हो रहा है. इसके अलावा श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन परियोजना, तमिलनाडु में रामेश्वरम को जोड़ने वाला पंबन रेलवे ब्रिज, अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, पुणे और बेंगलुरु में मेट्रो परियोजनाएं, 1,800 किलोमीटर लंबा मेहसाणा- बठिंडा गैस पाइपलाइन और 4जी नेटवर्क परियोजना भी शामिल है.
पीएम मोदी आयुष्मान भारत कार्ड का करेंगे वितरण
विभिन्न शहरों में एम्स परियोजनाएं, जिनमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए एक परियोजना भी शामिल है और विभिन्न रेलवे स्टेशन विकास परियोजनाएं भी इस लिस्ट में हैं. पीएम मोदी खुद छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान गरीबों को आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य बीमा) पीवीसी कार्ड के वितरण की शुरुआत करेंगे. मंत्रिपरिषद की बैठक में बताया गया कि इस साल की शुरुआत में 10.5 लाख करोड़ रुपये के कैपेक्स बजट की घोषणा की गई थी और इस वित्तीय वर्ष में अब तक इस मोर्चे पर खर्च लगभग 28 प्रतिशत यानी 2.77 लाख करोड़ रुपये है.
इन मंत्रालयों ने अबतक खर्च किये इतने करोड़ रुपये
सड़क और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने 2.58 लाख करोड़ रुपये के बजट में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये और रेलवे ने अपने 2.4 लाख करोड़ रुपये के बजट में से लगभग 0.75 लाख करोड़ रुपये कैपेक्स पर प्रमुख व्यय बताया है. रक्षा मंत्रालय ने अपने 1.62 लाख करोड़ रुपये के बजट में से 0.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं. टेलीकॉम मंत्रालय अपने 0.61 लाख करोड़ रुपये के बजट का करीब आधा हिस्सा खर्च कर चुका है.