गैर आजीवन कारावास के भी 15 बंदी छूटेंगे, लेकिन दुष्कर्म के आरोपियों को नहीं मिलेगी सजा में छूट
भोपाल। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद आजीवन कारावास की सजा काट रहे 182 बंदियों को सशर्त रिहाई की जा रही है। वहीं गैर आजीवन कारावास की सजा काट रहे 15 अन्य बंदियों की भी रिहाई होगी, लेकिन दुष्कर्म के किसी भी आरोपी को सजा में छूट नहीं दी जा रही है। यह घोषणा प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए की है।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि ऐसे बंदी जिनकी सजा के विरुद्ध अपील लंबित है, उनके अपील के निराकरण के उपरांत रिहाई की पात्रता होगी। साथ ही जिन्हें जुर्माना से दंडित किया गया है, वे यदि जुर्माना राशि 15 अगस्त 2023 तक जमा कर देते हैं, तो उन्हें रिहाई का पात्रता होगी। मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि जिन बंदियों को किसी अन्य प्रकरण में सजा भुगतना शेष है, उन्हें शेष सजा भुगताये जाने हेतु रोका जाएगा।
जिन्हें किसी अन्य प्रकरण में जमानत प्राप्त नहीं हुई है, उन्हें विचाराधीन बंदी के रूप में रोका जाएगा। यदि कोई बंदी अन्य राज्य के प्रकरण में दंडित किया गया है तो वह संबंधित राज्य में स्थानान्तरित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 15 गैर-आजीवन कारावास के बंदियों को सजा में छूट दी जा रही है। गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए दुष्कर्म के किसी भी प्रकरण में सजा माफी नहीं दी जा रही है।
182 prisoners of life imprisonment will be released on Independence Day.