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योग्यता प्रतिस्पर्धनात्मकता से आती है इस कुशाग्रता को निखारने का माध्यम शिक्षा है : अरूण मिश्रा

जयपुर । योग्यता प्रतिस्पर्धनात्मकता से आती है इस कुशाग्रता को निखारने का माध्यम शिक्षा है। जीवन में सफलता के लिये हमें लक्ष्य निर्धारित कर स्वयं के व्यक्तित्तव को आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय और महत्वाकांक्षा से अभिप्रेरित कर सफलता की ओर अग्रसर करना आवश्यक है, यह बात हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने वेदांता फाउण्डेशन के कार्यक्रम वल्र्डस ऑफ विज्डम के तहत् वेदांता गल्र्स पीजी काॅलेज, रिंगस की 3 हजार से अधिक छात्राओं को संबोधित करते हुए कही। अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने छात्राओं से कहा कि हमें कम्यूनिकेशन स्कील का विकास कर स्वयं को अच्छी तरह प्रस्तुत करना लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण है। उन्होनें कहा कि हम स्वयं आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रारंभ से ही प्रयास ईमानदारी से करें। अच्छा व्यक्ति बनने की ओर हमेशा से सकारात्मक सोच रखें ताकि हममें आगे बढ़ने की उर्जा मिलती रहें। छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कभी भी प्रयास में कमी नहीं करते हुए हमेशा कुछ नया करने का ईच्छा रखें, हम जहां प्रयास करना बंद कर देते है हमारी सफलता हमसे दूर होती जाती है। मिश्रा ने बालिकाओं से आव्हान किया कि वें यह पहचानने का प्रयास करें की उनकी रूचि किस विषय में है उस अनुसार अपने ज्ञान को बढ़ाएं और उसमें महारत हांसिल करें। पक्के इरादे से उठाया गया हर कदम हमें सफलता की ओर ले जाता है बर्शते उसके लिये कोशिश पूरी तरह की जाएं। उन्होंने जीवन में संघर्ष की महत्ता को स्वयं के उदाहरण से प्रस्तुत किया कि किस प्रकार लक्ष्य के लिये कड़ी मेहनत और लगन आवश्यक है। स्वयं को इस बात के लिये तैयार करना आवश्यक है कि हम अपने सोचे हुए लक्ष्य को प्राप्त कर सके। मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में भी बालक और बालिकाओं में समानता को लेकर एकमतता नही है, इसे दूर करने के लिये बालिकाओं को स्वयं आत्मविश्वास से परिपूर्ण होना होगा। जिज्ञासा हमें सफलता की ओर ले जाती है जिसे कभी भी कम ना करें।
मिश्रा ने अपने संबोधन के उपरान्त महाविद्यालय की छात्राओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए हिन्दुस्तान ज़िंक में महिलाओं के लिये समान अवसर और प्रतिभाओं के लिये किसी भी क्षेत्र में कमी नही होने की बात कही। इस अवसर पर हिन्दुस्तान ज़िंक के डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स वी जयरमन, हेड सीएसआर अनुपम निधि, देबारी ज़िंक स्मेल्टर की हेड सीएसआर अरूणा चीता, वेदंाता फाउण्डेशन के सदस्य सुजीत रॉय, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत मदान सहित महाविद्यालय स्टाफ एवं वेदांता फाउण्डेशन की टीम उपस्थित थी।
वेदंाता महिला महाविद्यालय ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को विगत 32 वर्षो से अल्पव्यय में सर्वसाधन सम्पन्न उत्कृष्ट उच्च शिक्षा प्रदान कर रोजगारोन्मुखी भविष्य का निर्माण कर महिला शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है। इस महाविद्यालय में अध्ययन के उपरान्त छात्राएं स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर जीवन जी कर समाज और राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर रही है। महाविद्यालय में रींगस के आसपास के 60 गांव और ढ़ाणियों की छात्राएं 40 किलोमीटर दूर से आ कर अध्ययन कर रही है वहीं हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा ग्रामीण बालिकाओं को उच्चशिक्षा से जोडने के लिए अपने स्मेल्टर और माइनिंग इकाइ के आसपास के गांवों से चयनित छात्राओं को कला, वाणिज्य और विज्ञान की स्नातक डिग्री प्राप्त करने के लिए पांच जिलों की 105 छात्राएं वेंदाता महाविद्यालय छात्रावास में रहते हुए निःशुल्क अध्ययन कर रही है। वेदाता फाउण्डेशन द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु राजस्थान स्कील लाइवलीहुड डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा संचालित 2 कोर्सेज भी संचालित किये जा रहे है। हिन्दुस्तान ज़िंक के आस पास के क्षेत्र की 572 छात्राओं ने कला , वाणिज्य और विज्ञान संकाय में स्नातक डिग्री पूर्ण की है।

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