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वेदांता एल्यूमिनियम के थर्मल इंजीनियरों का देश की उत्तरोत्तर प्रगति में योगदान उत्कृष्ट

  • कंपनी के ऊर्जा प्रभाग के 5500 से अधिक समर्पित थर्मल इंजीनियरों और विषेषज्ञों की टीम कर रही ऊर्जा आवष्यकताओं की पूर्ति।
    नई दिल्ली ।
    भारत में एल्यूमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम देश की उन कंपनियों में से एक है जिनके पास सबसे बड़ा कैप्टिव थर्मल पावर पोर्टफोलियो है। ओडिशा के झारसुगुडा व लांजीगढ़ तथा छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित बालको में कंपनी की थर्मल पावर उत्पादन क्षमता 5500 मेगावाट है। जटिल एवं विशाल एल्यूमिनियम उत्पादन को उच्च स्तर पर बनाए रखने का दायित्व कंपनी के भरोसेमंद 5500 थर्मल इंजीनियरों एवं तकनीकी स्टाफ पर रहता है। वेदांता एल्यूमिनियम में कार्यरत थर्मल इंजीनियरों का समूह देष के सबसे बड़े ऊर्जा विषेषज्ञ कार्यबलों में शामिल है। एल्यूमिनियम दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण धातुओं में दूसरे स्थान पर है। इसका उत्पादन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो उच्च गुणवत्तापूर्ण बिजली की अविराम आपूर्ति पर निर्भर करती है। ये इंजीनियर मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि वेदांता एल्यूमिनियम की बिजली की जरूरत निरंतर एवं स्थिर थर्मल ऊर्जा आपूर्ति द्वारा पूरी होती रहे ताकि वह राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान कर सके। कंपनी के विनिर्दिष्ट बिजली संयंत्रों के माध्यम से राज्य के बिजली ग्रिडों को ऊर्जा आपूर्ति की जाती है। राष्ट्रीय थर्मल इंजीनियर्स दिवस के अवसर पर वेदांता एल्यूमिनियम ने इन थर्मल इंजीनियरों को पोषित व सशक्त करने की अहमियत पर रोशनी डाली जो इस क्षेत्र की प्रगति को आगे बढ़ाते हैं तथा भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अहम योगदान देते हैं। देश के ऊर्जा क्षेत्र की मजबूती और इसके इंजीनियरों की विशेषज्ञता इस तथ्य से रेखांकित होती है कि हाल ही में जब कई विकसित देशों पर गंभीर ऊर्जा संकट छा गया था तब भारत करोड़ों लोगों और कारोबारों को बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम था। वेदांता एल्यूमिनियम इंडस्ट्री 4.0 और वेब3 टेक्नोलॉजीस की प्रमुख समर्थक है जो घरेलू उद्योग में स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग कार्यषैली अपनाने में अग्रणी हैं। कंपनी सक्रियता से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (ए.आई.), मशीन लर्निंग (एम.एल.) और इंडस्ट्री इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी), डिजिटल ट्विन्स, कंप्यूटर विजन आदि की संभावनाओं का दोहन कर रही है ताकि संसाधनों की दक्षता में वृद्धि और जल खपत में कमी करने के साथ ही पावर प्लांट की क्षमता में समग्र बेहतरी तथा बेहतर संपत्ति प्रबंधन सुनिष्चित किया जा सके। तकनीक से होने वाला यह परिवर्तन तीन सूत्रीय प्रयास है जो स्थापित वैश्विक संगठनों, उभरते तकनीकी स्टार्टअप्स, इन-हाउस डिजिटल विशेषज्ञों एवं इनोवेशन सेल्स की सहभागिता से किया जा रहा है।

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