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- अभियान वेदांता के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल के एक हृदयस्पर्शी नोट के साथ शुरू किया।
- बच्चों का पोषण सुनिश्चित करते हुए उनकी अप्रयुक्त क्षमता को उजागर करना है|
वेदांता लिमिटेड की सामुदायिक और सामाजिक पहल इकाई, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) ने भूख और कुपोषण के गंभीर मुद्दों के समाधान के लिए एक अभियान की शुरुआत की है। वेदांता लिमिटेड के अध्यक्ष श्री अनिल अग्रवाल के एक व्यक्तिगत पत्र से इसकी शुरुआत की है, जिसे आज प्रिंट मीडिया में जारी किया गया है। यह मल्टी-मीडिया अभियान वीडियो और डिजिटल रूप में भी प्रचारित-प्रसारित होगा। सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए यह अभियान अपने टैगलाइन, ’अगर बचपन से पूछा खाना खाया, तो देश का कल बनाया’ बुनियादी पोषण के महत्व पर प्रकाश डालता है और समग्र पोषण की आवश्यकता का प्रचार करता है। हमारे देश में बच्चों का विकास, उनकी अप्रयुक्त क्षमता का पोषण करना और यह सुनिश्चित करना कि वे विकास के अवसरों से वंचित न हों। यह अभियान बच्चों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक उचित पोषण सुनिश्चित करके भारत की आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए फाउंडेशन के समर्पण का प्रतिनिधित्व करता है। अभियान के लॉन्च के अवसर पर वेदांता लिमिटेड की निदेशक और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की अध्यक्ष, सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “मेरे पिता जी का यह दृष्टिकोण उनकी जीवन यात्रा और बचपन में भूख के अनुभवों से प्रेरित है और प्रत्येक बच्चे के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की उनकी सोच से उपजा है। इस अभियान का शुभारंभ एक ऐसे आंदोलन की शुरुआत है, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को शामिल किया जाएगा ताकि हम साथ मिलकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को उनके सपनों को साकार करने का उचित मौका दे सकें और भारत को और भी अधिक ऊंचाइयों पर ले जा सकें। यह हमारा अटूट विश्वास है कि प्रत्येक बच्चे में अपनी एक क्षमता है, जिसका पोषण करना आवश्यक है। न केवल उनके लिए बल्कि हमारे देश के भविष्य के लिए यह अनिवार्य है। प्रोजेक्ट नंद घर के माध्यम से, हम अपने केंद्रों में नामांकित बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। हालांकि अभी भी उन्हें उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने में मदद करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें भूख और पोषण की कमी को खत्म करने के साथ शुरुआत करनी होगी।’