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- एसोसिएशन का उद्देश्य जमीनी स्तर पर निगरानी बढ़ना और अवैध शिकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है।
नई दिल्ली । अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ) ने अपने पशु कल्याण परियोजना ‘द एनिमल केयर आर्गेनाइजोशन’ (टाको) के तहत एक अहम घोषणा की। आफ ने राजस्थान स्थित रामगढ़ के विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की संख्या बढ़ाने के लिए एक साझेदारी की है। वन्य जीव संरक्षण के अंर्तगत टाको रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को एक करोड़ रुपए की अनुदान राशि देगा। इस राशि का इस्तेमाल क्षेत्र में अवैध शिकार और उसे रोकने के लिए गश्त बढ़ाने के लिए किया जाएगा। टाको परियोजना के तहत दिए गए अवैध शिकार विरोधी शिविर सौर उर्जा से संचालित होगें | टाको इसके लिए दो गश्ती वाहन भी उपलब्ध कराएगा, जिससे वन्य जीव संरक्षण के लिए क्षेत्र का सघन मुआयना किया जा सके। संगठन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में निगरानी के संसाधनों को बढ़ाना है, जिससे वन्य जीवों के भविष्य की सुरक्षा की जा सकें, साथ ही उनके पारिस्थितिकी वातावरण की भी सुरक्षा की जा सके। टाको के अंर्तगत लगाए गए अवैध शिकार विरोधी शिविर, अवैध शिकार के खिलाफ वन्य जीवरों की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण पंक्ति के रूप में कार्य करेंगे और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाएंगे, जिससे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों की रक्षा होगी। इसके अतिरिक्त, निगरानी वाहन रिजर्व में गश्त के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे। वेदांता की सामाजिक इकाई, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के सानिध्य में टाको की स्थापना सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण के आधार पर की। जिसका लक्ष्य वन्य जीव संरक्षण, और वनों में रहने वाले जानवरों की भलाई के लिए एक ठोस और पारिस्थितिकी तंत्र बनाना रखा गया। इस अहम शुरुआत पर अपने संबोधन में टाको की एंकर और वेदांता लिमिटेड की नॉन-एक्सक्यूटिव निदेशक सुश्री प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा, “रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व जैव विविधता का खजाना है और जीव-जंतुओं के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। टाइगर रिजर्व की टाको के साथ इस साझेदारी से वन्य जीवों की सुरक्षा अधिक मजबूत होगी | इसके साथ ही वन्य जीवों के लिए वन में रहने की परिस्थितियां अधिक अनुकूल बन सकेगीं। हम सभी जानते हैं कि कल के दिन को अंतराष्ट्रीय टाइगर दिवस के रूप में मनाते हैं और ऐसे समय में टाको की यह साझेदारी वन्य जीव संरक्षण के हमारे विस्तृत लक्ष्य और प्रयासों का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में कारगर होगी”। प्रिया जी ने कहा, “यह साझेदारी भारत के जैव-विविध पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने और मनुष्यों और जानवरों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का भी एक प्रमाण है।”