रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को सरगुजा और बस्तर के नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। 1318 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गये। उल्लास से भरे इन शिक्षकों ने नियुक्ति पत्रों को लहराते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि स्कूल विद्या का मंदिर है। इन्हें जीर्ण-शीर्ण नहीं रखा जा सकता। हमने 2100 करोड़ की मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के माध्यम से जीर्णशीर्ण स्कूलों के जीर्णाेद्धार की योजना तैयार की। आज 7 हजार 688 स्कूलों एवं इनमें 464 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कार्य का लोकार्पण कर रहे हैं। आप जिन स्कूलों से अपने अध्यापन की शुरूआत करेंगे। वे बहुत सुंदर हैं। उनकी पुताई छत्तीसगढ़ में ही बने गोबर पेंट से हुई है। आप सभी इन सुंदर, सुविधापूर्ण स्कूलों में बच्चों का भविष्य गढ़ें।
उन्होंने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि आप राष्ट्रनिर्माता हैं। समाज को दिशा दिखाते हैं। कोरोना में शिक्षकों ने बहुत अच्छा काम किया। ऑनलाइन पढ़ाई कराई। कोरोना की वजह से पढ़ाई का लॉस हमारे राज्य में सबसे कम रहा। आप सभी ओल्ड पेंशन के हकदार होंगे। आपका भविष्य भी हमने सुरक्षित किया है। आप छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य को गढ़ने में अपना पूर्ण योगदान दें। पहले अंग्रेजी स्कूल शासन द्वारा संचालित नहीं होता था। अब यह शासन द्वारा संचालित है। यहां पढ़ाई अच्छी है। इसलिए एडमिशन की भी काफी डिमांड है।
अभिभावकों से की बातचीत
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागवार अभिभावकों से चर्चा भी की। लैलूंगा से हरिराम राठिया ने बताया कि हमारा स्कूल पहले ठीक नहीं था। अब बढ़िया हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब स्कूल बढ़िया हो गया है। अब रख-रखाव करते रहिए। पालक समिति इस पर ध्यान देती रहे। मुख्यमंत्री ने पढ़ाई की स्थिति के बारे में भी पूछा। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में पदस्थ शिक्षक नितिन ने बताया कि हमारा स्कूल बहुत जर्जर स्थिति में था। अब अच्छा हो गया, अतिरिक्त कक्ष भी बन गया। मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस की उन्हें बधाई दी और शुभकामनाएं भी दी।