छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक को लेकर सियासी घमासान तो पहले से ही मचा हुआ है इसी बीच छत्तीसगढ़ राज्यपाल ने कहा कि फिलहाल वे अभी आरक्षण विधेयक पर साइन नहीं करेंगी । यह जानकारी राज्यपाल ने स्वयं मीडिया के माध्यम से दी । बता दें कि बीते 53 दिनों से आरक्षण बिल राजभवन में अटका पड़ा है । जिसके बाद अब आरक्षण के मसले को और दो महीनों के लिए खींच लिया गया है ।
रायपुर के एक कॉलेज के कार्यक्रम में रविवार को राज्यपाल अनुसुईया उइके बतौर अतिथी पहुंची थीं। कार्यक्रम से लौटते वक्त मीडिया ने आरक्षण विधेयक पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा- अभी मार्च तक का इंतजार करिए, इतना कहकर फौरन राज्यपाल राजभवन के लिए रवाना हो गईं। हालांकि राज्यपाल के हस्ताक्षर न करने की वजह से काफी विवाद भी हो रहा है।
राज्यपाल ने ये कहकर साफ कर दिया है कि मार्च से पहले हस्ताक्षर वो नहीं करेंगी। फिलहाल आरक्षण विधेयक के न होने से बहुत सी भर्ती प्रक्रियाएं और एडमिशन के काम अटके हुए हैं। क्योंकि इस वक्त प्रदेश में आरक्षण की कोई व्यवस्था ही लागू नहीं है। PSC तक अपनी भर्तियों को बिना आरक्षण रोस्टर के जारी कर चुका है।
इस पूरे मसले पर कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर राज्यपाल और उनके विधिक सलाहकार जानबूझकर विधेयक काे अटकाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने राजभवन के विधिक सलाहकार को भाजपा का एजेंट तक बताया। कांग्रेसियों ने शहर के कई हिस्सों में पोस्टर लगाकर भाजपा के कार्यालय को राजभवन संचालन केंद्र बता दिया था।