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- भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच डब्ल्यूवी रमन से बातचीत में शिखा पांडे ने बांग्लादेश दौरे पर नहीं चुने जाने का दर्द बयां किया।
- शिखा पांडे ने साथ ही कहा कि वो जब खेल का आनंद उठा रही हैं तब तक खेलना जारी रखेंगी।
- पांडे ने भारतीय टीम में नहीं चुने जाने पर कहा कि वो निराश और गुस्सा हैं।
नई दिल्ली । बांग्लादेश दौरे पर सीमित ओवर सीरीज के लिए कुछ समय पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम की घोषणा हुई, जिसमें अनुभवी तेज गेंदबाज शिखा पांडे का नाम नदारद था। भारतीय टीम का काफी व्यस्त कार्यक्रम रहने वाला है और ऐसे में पांडे का नाम नहीं होने पर काफी लोगों को हैरानी हुई। शिखा पांडे भारत की अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं और दिल्ली कैपिटल्स के साथ डब्ल्यूपीएल का उद्घाटन सीजन उनके लिए शानदार रहा। दिल्ली कैपिटल्स की टीम रनर्स-अप रही और शिखा पांडे उस टीम की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं। वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब शिखा पांडे बिना कारण जाने भारतीय टीम से बाहर हुई हो। पहले भी उन्हें बिना कुछ बताए राष्ट्रीय टीम से बाहर किया गया। दाएं हाथ की तेज गेंदबाज की इस साल दक्षिण अफ्रीका में टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में वापसी हुई थी। इसके बाद शिखा पांडे को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया। फिर बांग्लादेश में वनडे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज के लिए शिखा पांडे को भारतीय टीम में नहीं चुना गया। भारतीय तेज गेंदबाज ने पूर्व हेड कोच डब्ल्यूवी रमन से स्पोर्ट्स्टार के इंटरव्यू में कहा कि अगर वो कहे कि निराश या गुस्सा नहीं है तो वो इंसान नहीं हैं। 34 साल की शिखा पांडे ने कहा, ”आप जितनी मेहनत कर रहे हैं, उसका नतीजा नहीं मिलता तो मुश्किल होती है। मुझे विश्वास है कि मुझे नहीं सेलेक्ट करने का कोई कारण होगा, लेकिन मुझे नहीं पता। मेरे हाथ में है कड़ी मेहनत करना और मेरा कड़ी मेहनत पर अटूट विश्वास है। जब तक मैं मानसिक और शारीरिक रूप से फिट हूं, तब तक कड़ी मेहनत करती रहूंगी।”