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नवरात्री के चौथे दिन माता कुष्मांडा की करें पूजा, जीवन के सभी दुखों से मिलेगी मुक्ति

माता कुष्मांडा अष्ट शक्तियों को सुशोभित करती हैं. यानि अपनी शक्तियों से सभी के दुखों को हरने वाली. भारत आदिकाल से ही अपने देवत्व की संस्कृति के लिए जाना जाता है. इस देवी की सिंह पर सवारी दिखाते हैं जो इस बात का प्रतीक है की मनुष्य जब अपने मन, वचन और कर्म पर संपूर्ण नियंत्रण कर लेता है और अपनी सभी कर्मेंद्रियों का राजा बन जाता है तो उसके दिव्य तेज से समस्त संसार आलोकित होता है. देवी कुष्मांडा अष्ट शक्तियों को जागृत करती हैं. देवी के हाथ में व्याप्त चक्र स्वयं की आत्मिक स्थिति में टिकने का संदेश देती हैं तो वहीं गदा बुराई रूपी असुर का संघार करने का संदेश देती है.

आज का मानव आखिर देवी कुष्मांडा से कौन कौन सी शक्तियों को अपने अंदर धारण कर सकता है. चलिए आपको बताते हैं वो अष्ट शक्तियां कौन सी है. आज मनुष्य अपने जीवन में बातों के विस्तार में अधिक जाता है तो पहली शक्ति है विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति जो हमें कम शब्दों में ही अपनी बात कहने और समय को बचाने का संदेश देती है. दूसरी शक्ति है समेटने की शक्ति हमें स्वयं को व्यर्थ विचारों से मुक्त करने का संदेश देती है. तीसरी शक्ति है समाने की शक्ति जो हमें दूसरे व्यक्ति के विचारों को सम्मान देने का संदेश देती है. इसके बाद आती है परखने की शक्ति जो हमें सही गलत को परख कर ही जीवन में कोई कदम उठाने का संदेश देती है.

पांचवी शक्ति है निर्णय करने की शक्ति जो हमें अनेक प्रकार के रास्तों में से अपने लिए सही विकल्प चुनने का संदेश देती है. आज मनुष्य अपनी कमियों को देखने की बजाय लोगों का सामना करता है. अगली शक्ति सामना करने की शक्ति जो हमें अपने मन को मजबूत बनाकर अपनी कमजोरियों का डट कर सामना करने और बुराइयों का त्याग कर सद्गुणों को धारण करने का संदेश देती है.


जीवन में हर कार्य एक दूसरे के सहयोग से ही सफल होता है. पांचों उंगली मिल जाए तो हर काम आसानी से हो सकता है. देवी की अगली शक्ति हमें दूसरों को सहयोग देने की शक्ति प्रदान करती है. कई बार जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने से कई कार्य बिगड़ जाते हैं. अगली शक्ति है सहनशक्ति जिसे धारण करने से रिश्तों की डोर मजबूत हो जाती है. उदाहरण के तौर पर हम फलदार वृक्ष को ले सकते हैं जो पत्थर मारने पर भी हमें फल ही प्रदान करता है. सहनशक्ति को धारण करने से हम रिश्तों को मजबूत और जिंदगी को सुंदर बना सकते हैं. जरूरत है की आज हम इन अष्ट शक्तियों को ना सिर्फ अपने जीवन में धारण करें बल्कि औरों को भी इन शक्तियों को अपने जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित करें.

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