स्वदेश डेस्क – कार्तिक का महीना समाप्त होते ही अगहन का महीना 9 नवंबर से शुरू हो गया । बता दें कि यह महीना 8 दिसंबर तक रहेगा। वेदों मे इस माह को बहुत ही खास माना गया हैं । क्योंकि ये सभी महीनों में शीर्ष पर होने के कारण अग्रणी और सबसे ज्यादा खास है। वेदों में मार्गशीर्ष को सह मास भी कहा जाता है। यानी कि ये महीना समानता का है। इस महीने किए गए सभी व्रत और पूजा का पूरा फल जल्दी ही मिलता है। और हमारे द्वारा किए गए हर तरह के शुभ काम भगवान को अर्पित होते हैं। पुराणों मे इस माह को बहुत ही पवित्र माना गया हैं । इसी महीने में शिव-पार्वती और राम-सीता का विवाह हुआ था। इस पवित्र महीने में ही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। और वृंदावन के बांके बिहारी भी इस महीने में प्रकट हुए थे।
गीता के ज्ञान के साथ ही इस माह शिव-पार्वती का हुआ था विवाह –
श्रीमद्भागवत के मुताबिक महाभारत के युद्ध में अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान कृष्ण ने अुर्जन को गीता का ज्ञान दिया था। इसलिए इस तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है ।

शिव पुराण के 35वें अध्याय में रुद्रसंहिता के पार्वती खण्ड में बताया है कि महर्षि वसिष्ठ ने राजा हिमालय को भगवान शिव-पार्वती विवाह के लिए समझाते हुए विवाह का मुहूर्त मार्गशीर्ष महीने में होना तय किया था। जिसके बारे में इस संहिता के 58 से 61 वें श्लोक तक बताया गया है।

त्रेतायुग में मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में श्रीराम-सीता का विवाह हुआ था। इस शुभ पर्व पर तीर्थ स्नान-दान और व्रत-उपवास के साथ भगवान राम-सीता की विशेष पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन को विवाह पंचमी भी कहा जाता है।
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