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कार्तिक माह हिंदू धर्म में अत्यधिक पुण्य और धार्मिक महत्व रखने वाला महीना है। इसे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का प्रिय माह कहा जाता है। इस महीने में स्नान, व्रत, दान और दीपदान जैसे कार्यों का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि कार्तिक मास में किए गए धार्मिक अनुष्ठान और पुण्य कर्म व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति कराते हैं। इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु चतुर्मास समाप्त कर शयन से जागते हैं और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।
कार्तिक माह की विशेषताएं:
- धार्मिक महत्व: कार्तिक मास में श्री हरि विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। तुलसी विवाह और देव दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार इसी माह में मनाए जाते हैं।
- जल का महत्व: इस महीने में पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसे पवित्रता और शुद्धिकरण का समय माना जाता है।
- सत्संग और कथा श्रवण: कार्तिक माह में सत्संग, श्रीमद्भागवत कथा, रामायण पाठ आदि धार्मिक ग्रंथों का श्रवण करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
- तुलसी का महत्व: इस माह में तुलसी पूजा का विशेष स्थान होता है, और तुलसी के पास दीप जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
कार्तिक माह में क्या करें:
- ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा करना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
- दीपदान और व्रत: तुलसी और भगवान विष्णु के समक्ष दीपदान और व्रत का पालन करना अत्यधिक शुभ होता है।
- दान-पुण्य: इस माह में दान का विशेष महत्व है, विशेषकर अन्न, वस्त्र और धन का दान।
कार्तिक माह में क्या न करें:
- मांस और मदिरा का सेवन वर्जित है।
- क्रोध और अपशब्दों से बचें।
- तामसिक भोजन जैसे प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
- अहंकार, छल-कपट और झूठ बोलने से दूर रहें।
कार्तिक माह संयम, भक्ति और आत्मशुद्धि का समय है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।