देश भर मकर संक्रति का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। आसमान में रंगविरंगी पतंगे नजर आ रही है तो वहीँ घरों में तिल-गुड़ की मिठास महक रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश की धर्म नगरी उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी इस पर्व को बहुत ही हर्षोउल्लास से मनाया गया। आज 15 जनवरी के मौके पर यानी सोमवार सुबह 4 बजे पुरोहितों द्वारा भगवान महाकाल को तिल का उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया गया।
स्नान के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण कराए गए, जिसके साथ ही उनका श्रृंगार भांग, सूखे मेवे और सोने चांदी के आभूषणो से किया गया। बाबा महाकाल के मनमोहक शृंगार के बाद उन्हे तिल से तैयार किए छप्पन पकवानों का भोग लगाया गया जिसमें गुड और शक्कर से बने तिल्ल के लड्डू भी शामिल रहे। भोग के साथ ही भगवान की भव्य आरती की गई। इसेक साथ ही तिल उत्सव के खास मौके पर मंदिर को फूल व पतंग से सजाया गया।
आपको बता दे, कि मकर संक्रांति के दिन भगवान महाकाल को तिल से स्नान कराने और तिल्ल के पकवानों का भोग लगाने की परंपरा सालो से चली आ रही है। इस मौके पर ज्योतिर्लिंग की जलाधारी में भी तिल्ल अर्पित की जाती है। जिसके साक्षी बनने के लिए पूरे देश भर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते है। मकर संक्रांति पर स्नान के साथ दान का विशेष महत्व है। ऐसे में हर साल मकर संक्रांति पर्व के दिन शिप्रा के तट पर भक्त स्नान के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। श्रद्धालु शिप्रा स्नान के बाद तीर्थ पर वैदिक ब्राह्मणों को पारंपरागत तिल गुड़, खिचड़ी, वस्त्र, पात्र, दक्षिणा आदि देते है