अगहन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन सर्वार्थसिद्धि योग जयंती का योग बना हैं । दो दिन तक पूर्णिमा तिथि के चलते दत्त पूर्णिमा पर्व 7 को और पूर्णिमा का स्नान-दान 8 दिसंबर को किया जाएगा। वहीं उदया तिथि में पूर्णिमा गुरुवार को रहेगी। इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत और पूजा 8 तारीख को किया जाना चाहिए।

इसके अगले दिन यानी 9 दिसंबर से पौष महीना शुरू हो जाएगा। बता दें कि 7 दिसंबर को सिद्ध और सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इन शुभ संयोग में भगवान ब्रह्म, विष्णु और शिवजी के अवतार दत्तात्रेय की पूजा की जाएगी। इस तिथि पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय हुआ था। इसी समय इनकी पूजा की जाएगी। ये नाथ संप्रदाय के भी भगवान हैं। शुभ संयोगों में इनकी पूजा से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं।
गुरुवार, 8 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि सुबह तकरीबन 8:30 तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होने के कारण इसी दिन स्नान-दान और व्रत करना शुभ रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत किया जाएगा। इस तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदियों के जल से नहाने की परंपरा है। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहा सकते हैं।