Home » कलयुग का कल्कि मंदिर कर रहा भगवान विष्णु के 10वें अवतार का इंतजार, जानें कब लेंगें धरती पर अवतार

कलयुग का कल्कि मंदिर कर रहा भगवान विष्णु के 10वें अवतार का इंतजार, जानें कब लेंगें धरती पर अवतार

भारत हमेशा से ही प्रचीन और प्रसिद्द मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। भारत में इन प्राचीन और प्रसिद्द मंदिरों में एक ऐसा अद्भुत और अविश्वसनीय मंदिर भी है जिसे कल्कि मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित है। इस मंदिर के 1000 साल से भी अधिक प्राचीन और धार्मिक मान्यताऔं के पौराणिक इतिहास  को लेकर आज भी रहस्य बना हुआ है। इस मंदिर के वारे में ऐसा कहा जाता है कि जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर होगा तव  भगवान विष्णु के दसवें अवतार का जन्म होगा और वे कलयुग में रहने वाले सभी दुष्टों का संहार कर सतयुग की स्थापना करेगें। यह बात सत्य है या नहीं ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। कल्कि अवतार का वर्णन पुराणों  में भी किया गया है।

कहां स्थित है कल्कि मंदिर

कल्कि मंदिर उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित है। जो हवामहल बाजार के केसरिया रंग की हवेलियों और मंदिरों के बीच स्थित है। राजस्थान के गुलाबी नगर कहे जाने वाले जयपुर में यूं तो अनेकों मंदिर हैं लेकिन इस मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस मंदिर निर्माण 1739 में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह ने करवाया था। इस मंदिर में  घोड़े पर सवार कल्कि भगवा की मूर्ति की पूजा की जाती है।

कल्कि मंदिर का इतिहास

भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के मंदिर की स्थापना लगभग 1000 वर्ष पहले हुई थी। जिसका 300 वर्ष पहले महारानी अहिल्याबाई ने जीर्णोद्धार करवाया था। यह मंदिर 1 हजार वर्ष प्रचीन है। इसकी पुष्टी 1 हजार वर्ष से अधिक पुरामे नक्शे से हिई है। इस नक्शे में मंदिर का चित्रित, आकृति और मंदिर की आकृति पर मनु श्री कल्कि मंदिर लिखा हुआ है। इस मंदिर का निर्माण 1000 साल पहले मनु महाराज ने करवाया था।

 कल्कि के रुप में होगा भगवान विष्णु का 10वां अवतार

ऐसा माना जाता है कि जब कलयुग अपनी चरम सीमा पर होगा तव भगवान विष्णु कल्कि के रुप में अवतार लेगें और कलयुग को समाप्त कर सतयुग की पुन: स्थापना करेगें। पुराणों में बताया गया है कि भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में जन्म लेंगे। भगवान कल्कि एक घोड़े पर सवार होकर आएंगे और सतयुग की स्थापना करेगें। कहा जाता है कि कल्कि मंदिर में कल्कि भगवान जिस घोडे पर सवार है उस घोडे के चार पैरों में से एक पैर में घाव है। जो धीरे-धीरे भर रहा है और जिस दिन पैर का यह घाव भर जाएगा उस दिन भगवान विष्णु कल्कि के रुप में अवतार लेगें।

by Shalini Chourasiya

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