अगहन महीना श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए खास महत्व रखता है। इस महीने का कृष्ण पक्ष बीत चुका है। अगर इस समय महीने में अब तक श्रीकृष्ण के पौराणिक मंदिर में दर्शन-पूजन नहीं किया है तो 8 दिसंबर तक कर सकते हैं। 8 तारीख को इस महीने की पूर्णिमा है, तब तक अलग-अलग दिनों में सीता-राम, शिव जी, दत्तात्रेय भगवान की पूजा के लिए खास तिथियां रहेंगी। इन तिथियों पर अपने आराध्य देव की पूजा करके और दान-पुण्य करके अक्षय पुण्य कमाया जा सकता है। बता दें कि आज से यानि कि 24 नवंबर से अगहन महीने का शुक्ल पक्ष शुरू हो गया हैं । और अगले महीने की 8 तारीख को ये महीना खत्म हो जाएगा । इस दिन किसी पवित्र तीर्थ में दर्शन-पूजन करें। किसी नदी में स्नान करें और स्नान के बाद नदी किनारे ही दान-पुण्य करें।

वहीं 27 नवंबर को गणेश चतुर्थी के बाद 28 तारीख को विवाह पंचमी है। त्रेता युग में इसी तिथि पर श्रीराम और सीता जी का विवाह हुआ था। श्रीराम-लक्ष्मण ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुंचे थे, उस समय वहां सीता जी का स्वयंवर हो रहा था। स्वयंवर में श्रीराम ने धनुष तोड़ा और फिर सीता जी का विवाह श्रीराम से हुआ था।

3 दिसंबर को गीता जयंती है। इस दिन भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और गीता जी पूजा करनी चाहिए। त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से इस दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस दिन गीता का जरूर करें। गीता में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो कई समस्याएं आसानी से दूर हो जाएंगी।

शिव जी और देवी पार्वती की पूजा का शुभ योग 5 दिसंबर को बन रहा है। इस दिन सोमवार भी है। तिथि और वार दोनों ही शिव जी की पूजा के लिए बहुत ही शुभ हैं। इसके बाद 7 तारीख को भगवान दत्तात्रेय की जयंती है। दत्तात्रेय भगवान को ब्रह्मा-विष्णु और महेश का स्वरूप माना जाता है।