नई दिल्ली, भारत के टीकाकरण अभियान की विश्व बैंक ने तारीफ की है। उसने कहा कि भारत ने बहुत अल्प समय में एक अरब कोविड खुराक का लक्ष्य पा लिया, लेकिन इसे अब दो अरब तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण होगा। वर्ल्ड बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री आरुषि भटनागर व ओवेन स्मिथ ने अपने ब्लॉग में कहा कि भारत ने कोविड-19 टीकाकरण में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब अगले एक अरब खुराक के लक्ष्य तक पहुंचने में गरीब आबादी तक पहुंचना चुनौती भरा होगा, क्योंकि ज्ञान और जागरूकता की कमी के साथ टीकाकरण की सुविधा व केंद्रों तक उनकी पहुंच बाधा बनेगी। दोनों अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अंतिम दौर में टीकाकरण की बेहतर सुविधा मुहैया करा कर कोरोना महामारी पर काबू पाने की दिशा में बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। भारत ने अग्रिम पंक्ति के अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मंच का इस्तेमाल कर टीकाकरण अभियान में आकर्षक उपलब्धि हासिल की है। इसके जरिए देश ने अपनी आबादी को कोरोना वायरस से बचाने में चौतरफा कामयाबी प्राप्त की। हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से दुनियाभर में कोरोना टीकाकरण प्रयासों को और आपात रूप से तेज करने की जरूरत है। इसके साथ ही टीकाकरण की दिशा में अब तक प्राप्त रफ्तार को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कि दो अरब कोरोना खुराक का लक्ष्य पाना भारत के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण है, बजाए एक अरब का लक्ष्य पाने के। उन्होंने आंकड़ों के साथ ब्लॉग में लिखा है कि टीके लगवाने को लेकर अब हिचकिचाहट बड़ी बाधा नहीं है। भारत सरकार द्वारा मुफ्त में कोविड वैक्सीन की खुराक देने से अनिच्छुक परिवारों द्वारा भी यह तेजी से लगवाई गई। जबकि टीकाकरण की शुरुआत में टीके को लेकर हिचकिचाहट में सामाजिक-आर्थिक अंतर साफ नजर आ रहा था। अप्रैल 2021 में टीकाकरण की दर 17.5 फीसदी थी, जो अगस्त तक बढ़कर 70.4 फीसदी तक पहुंच गई थी।
तेजी से जारी है टीकाकरण अभियान
देश में कोरोना के बढ़ते घटते मामलों के बीच टीकाकरण अभियान भी तेजी से चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 24 जनवरी तक भारत में टीकाकरण अभियान के तहत 162.73 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी 13.83 करोड़ से अधिक शेष और अप्रयुक्त कोविड वैक्सीन खुराक उपलब्ध हैं।
