विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक जयंत सहस्रबुद्धे का शुक्रवार को 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मुंबई में होगा
2018 में बैंगलोर अधिवेशन में जयंत सहस्रबुद्धे ने स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में समर्पित किया था। स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने के बाद उन्हें विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री का दायित्व सौंपा गया था। श्री सहस्रबुद्धे का पहले एक दुर्घटना के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में कुछ समय से इलाज चल रहा था। उनकी देह को यशवंत भवन में रखा गया है और अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया।
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऐसे प्रचारक थे जिनके आचरण में शाश्वत आदर्शों और समकालीन दृष्टिकोण का सुंदर व्यावहारिक सामंजस्य दिखाई देता था । उनके जीवन में उच्चतम जीवन मूल्य साकार होते थे । संघ के मध्यक्षेत्र सहकार्यवाह श्री हेमंत मुक्तिबोध के अनुसार वे मूलतः महाराष्ट्र के रहने वाले थे, परंतु कुछ वर्षों तक भोपाल उनका केंद्र रहा था । विभिन्न विषयों पर उनका गहरा अध्ययन, संगठनात्मक कुशलता, व्यक्तियों की परख और उन्हें जोड़ने का कौशल, सादगीपूर्ण निजी जीवन, निर्मल, निश्छल और निष्पाप हृदय तथा सम्पूर्ण संघशरणता सभी कार्यकर्ताओं के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर कहा कि वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की वैज्ञानिक परंपरा को एक नई दिशा दी और वह पूरी तरह से भारत के समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पित थे। फिर उसने भगवान से प्रार्थना की कि वह उसे अपने चरणों में स्वर्ग में स्थान दे
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी दुख व्यक्त किया और उनकी आत्मा की शांति और उनके परिवार के सदस्यों को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
सहस्त्रबुद्धे विज्ञान भारती या विभा, जिसे पहले स्वदेशी विज्ञान आंदोलन के रूप में जाना जाता था, भारत में एक गैर-लाभकारी संगठन है जो राष्ट्रवादी तरीके से विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के उद्देश्य से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस युग में स्वदेशी आंदोलन को फिर से जीवंत करना है। विज्ञान भारती की देश भर के 22 राज्यों में इकाइयां हैं।