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- नूंह जिला प्रशासन ने पूरे जिले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
हरियाणा के नूंह में वीएचपी और बजरंग दल एक बार फिर ब्रजमंडल यात्रा निकालने पर अड़े हैं। वहीं प्रशासन ने यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी है। पुलिस नूंह बाइपास से दो गाड़ियों में भरकर 30 लोगों को नलहरेश्वर मंदिर के लिए लेकर निकली है। फिलहाल प्रशासन ने मंदिर के 30 किमी. के क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर दिया है। बाहरी लोगों के अलावा मीडिया को भी आगे जाने की परमिशन नहीं है। स्थानीय लोगों को भी पुलिस आईडी कार्ड देखकर ही अंदर जाने दे रही है। वहीं ब्रजमंडल यात्रा में हिस्सा लेने आए अयोध्या से आए संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज को प्रशासन ने गुरुग्राम सोहना टोल प्लाजा पर रोक दिया। कार्रवाई के विरोध में महाराज प्लाजा के पास ही अनशन पर बैठ गए। रविवार को सीएम खट्टर ने यात्रा की अनुमति से इंकार करते हुए कहा था कि लोग मंदिरों में जा सकते हैं। इधर प्रशासन ने सोमवार सुबह नलहरेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिए 10-15 साधु संतों को जाने की अनुमति दी है।
हरियाणा की सीमाएं सील
नूंह जिला प्रशासन ने पूरे जिले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। जिले की सारी सीमाएं कल ही सील की जा चुकी हैं। हरियाणा के दिल्ली, राजस्थान और पंजाब से लगे बाॅर्डर भी सील कर दिए गए हैं। वहीं प्रशासन ने बाॅर्डर एरिया में भारी संख्या में पुलिसकर्मी और केंद्रीय पुलिस बलों के जवानाें को तैनात किया है। जवान सभी आने-जाने वाली गाड़ियों की तलाशी ले रहे हैं। वहीं नूंह के स्कूल-काॅलेज, बैंक और दूसरे तमाम ऑफिस बंद रखे गए हैं। वहीं प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर भी रोक लगी रखी है। वहीं यात्रा को देखते हुए रविवार को मस्जिदों से यह ऐलान किया गया कि कोई भी मुस्लिम यात्रा के चलते घरों से बाहर नहीं निकले। ना ही कोई मुस्लिम अपने गांव से बाहर जाए। वहीं वीएचपी ने ब्रजमंडल यात्रा का शेड्यूल जारी किया है। इसके मुताबिक सुबह 11 बजे नूंह के ऐतिहासिक नलहरेश्वर महादेव मंदिर से जलाभिषेक यात्रा शुरू होगी। यहां से यात्रा फिरोजपुर झिरका पहुंचेगी। सिंगार गांव में खत्म होगी। इस दौरान 2-3 स्थानों पर जलाभिषेक का कार्यक्रम होगा।
31 जुलाई को भड़की थी हिंसा
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह के नल्हेश्वर मंदिर के बाहर उस वक्त हालात बेहद हिंसक हो गए थेए गोरक्षक मोनू मानेसर के आह्वान पर हिंदू संगठनों की तरफ से ब्रज मंडल यात्रा निकाली जानी थी और इसका विरोध हुआ था। उस हिंसा में होमगार्ड के दो जवानों और एक मौलवी समेत कुल 6 लोगों की मौत हो गई थी। हालात पर काबू पाने की कोशिश में प्रशासन की तरफ से 13 दिन तक यहां इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी।