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राज्यसभा सभापति द्वारा तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन हुए निलंबित

  • पीयूष गोयल ने पेश किया निलंबित करने का प्रस्ताव

सदन के सभापति और उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने आज घोषणा की कि तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन को “अनियंत्रित व्यवहार और सभापति के निर्देशों की अवहेलना” के लिए बचे हुए मानसून सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है।
हालाँकि, टीएमसी सांसद 40 मिनट में संसद में वापस आ गए। श्री धनखड़ ने कहा कि उन्होंने निलंबन जारी नहीं रखने का फैसला किया है, लेकिन अगर उन्होंने सदन की बात मानी होती तो श्री ओ’ब्रायन को बाहर कर दिया गया होता।
टीएमसी नेता व्यवस्था का प्रश्न उठाने के बहाने बोलना चाह रहे थे तभी सभापति ने उनसे मुद्दे पर बात करने को कहा जिस पर वह बोले 267, वह नियम है जिसके तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा 20 जुलाई से मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष करना चाह रहा है। इसके बाद सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने तृणमूल नेता को शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया।
जैसे ही श्री गोयल उठे, तृणमूल सांसद तेज़ तेज़ नारे लगाने लगे। इसी कारन से श्री धनखड़ ने कहा कि डेरेक ओ ब्रायन को शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जो 11 अगस्त को समाप्त होगा।
हंगामे के कारण धनखड़ ने तृणमूल सांसद से तुरंत सभा छोड़ने के लिए बोल दिया। सोमवार को श्री धनखड़ ने दिल्ली सेवा विधेयक पर गरमागरम बहस के दौरान प्रचार पाने के लिए डेरेक ओ’ब्रायन पर सदन में “नाटकीयता” करने का आरोप लगाया।

धनखड़ किस बात पर भड़के?
श्री धनखड़ को गुस्सा तब आया जब टीएमसी सदस्य ने अपने भाषण को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 तक सीमित रखने से इनकार कर दिया और केंद्र सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी।
सभापति ने टीएमसी सांसद पर “नाटकीयता में लगे रहने” को एक आदत बनाने का आरोप लगाया, जिस पर श्री ओ’ब्रायन ने कड़ी आपत्ति जताई, जिसमे उन्होंने कहा कि वह सदन के नियमों का हवाला दे रहे थे और मणिपुर पर गंभीर चर्चा की मांग कर रहे थे।
आगे इसपर श्री धनखड़ ने कहा, “आपका आचरण अपमानजनक था, यह आपके पद को उचित नहीं ठहराता। आपने सदन के पारिस्थिति की मर्यादा को बिगाड़ा है। आपने जानबूझकर ऐसा किया है।”

डेरेक ओ’ब्रायन का निलंबन उस दिन हुआ, जब संसद में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व करने वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने वाला था। लोकसभा में इस प्रस्ताव पर फिर बहस होगी, बुधवार या गुरुवार को अविश्वास मत होने की उम्मीद है।

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