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- यूक्रेन के लोग सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं.
- भारतीय भी व्लादिमीर पुतिन की सेना के खिलाफ हथियार लेकर मोर्चे पर डटे हुए हैं.
मणिपुर, यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन इसका कोई अंतिम फैसला नहीं आ पा रहा है. इस बीच यूक्रेन के लोग सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. यूक्रेन में अंदर तक घुसकर रूस ने तबाही मचा दी है. कई बार यूक्रेन ने भी मिसाइल हमला करके रूस को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है. रूस ने यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. रूस के खिलाफ जंग में सिर्फ यूक्रेन के युवक-युवतियां ही नहीं लड़ रहे, बल्कि कुछ भारतीय भी व्लादिमीर पुतिन की सेना के खिलाफ हथियार लेकर मोर्चे पर डटे हुए हैं. आज हम आपको ऐसे ही तीन भारतीयों की कहानी बता रहे हैं, जो रूस के खिलाफ यूक्रेन के लिए लड़ रहे हैं. उनके लिए ये लड़ाई अपना घर बचाने की जंग बन गई है. ये भारतीय यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय रक्षा सेना के साथ लगातार लड़ रहे हैं. ये तीनों भारतीय अभी रूस के कब्जे वाले बखमुत के आसपास के किसी मोर्चे पर डटे हुए हैं. इन भारतीयों ने द वीक से कोस्त्यन्तिनिव्का में मुलाकात की, जो बखमुत से महज 27 किमी की दूरी पर है. कोस्त्यन्तिनिव्का 18,000 बाशिंदों वाला छोटा सा सीमावर्ती शहर था. यहां की सड़कों पर युद्धक टैंकों की चेनों के निशान साफ-साफ नजर आते हैं. अभी भी इस शहरके आसपास धमाकों की लगातार आवाजें आती रहती हैं.
यू्क्रेन में सैनिकों को उपनाम बताने की अनुमति नहीं
रूस और यूक्रेन के बीच बखमुत पर कब्जा करने की लड़ाई अभी भी जारी है. कोस्त्यन्तिनिव्का में स्कूल, घर और दूसरे प्रतिष्ठानों की खंडहर हो चुकी इमारतें जंग के भीषण निशान के तौर पर नजर आती हैं. तीनों भारतीयों में से दो ने सामने आकर बात की. इनमें एक भारतीय मूल रूप से मध्य प्रदेश और दूसरा हरियाणा से है. मध्य प्रदेश वाले यूक्रेनी सैनिक एंड्री ने अपना चेहरा ढक रखा था. वहीं, हरियाणा के रहने वाले दूसरे सैनिक ने अपना नाम नवीन बताया. एंड्री ने बताया कि वह 2022 में यूक्रेन की सेना में शामिल हुए थे. एंड्री कैमरे पर नहीं आना चाहते थे. बता दें कि नवीन ने अपना उपनाम नहीं बताया, क्योंकि यूक्रेनी सैनिकों को अपना उपनाम बताने की अनुमति नहीं है. इससे यह पता लगााया जा सकता है कि सैनिक रूसी है या यूक्रेनी.
स्टूडेंट्स के तौर पर आए यू्क्रेन और यहीं बस गए
दोनों सैनिकों को अच्छी हिंदी आती थी. उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय होने पर गर्व है, लेकिन वे यूक्रेन के लिए लड़ना चाहते हैं, क्योंकि अब यही उनका घर है. उन्होंने बताया कि वे दोनों छात्र के तौर पर यूक्रेन आए थे. बाद में उन्होंने यूक्रेनी महिलाओं से शादी कर ली. एंड्री के बच्चे भी हैं. यूक्रेन में 12 साल से रह रहे एंड्री ने पूछा कि अगर कोई आपके घर पर हमला करता है, तो आप लड़ेंगे या तमाशा देखते रहेंगे? उन्होंने कहा कि रूसी सैनिक यूक्रेनी लोगों को मार रहे हैं. वे ऐसी जगहों को भी निशाना बना रहे हैं, जहां सैनिक नहीं हैं. कई जगह रूसी सैनिकों ने महिलाओं के साथ उनके पतियों के सामने बलात्कार किया. जानवर भी उनसे बेहतर हैं. उन्हें यूक्रेन छोड़ना पड़ेगा.
एमपी के नवीन इसी साल सेना में हुए शामिल
हरियाणा के नवीन के मुताबिक, रूस सोवियत काल के बचे हुए रॉकेट दाग रहा है. उनका कहना है कि आमने-सामने की लड़ाई में यूक्रेन रूस को हरा देगा. खार्किव एविएशन इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने वाले नवीन सबसे पहले प्रादेशिक रक्षा बलों में शामिल हुए, जो यूक्रेन का सैन्य रिजर्व है. वह जनवरी 2023 में सेना में शामिल हुए थे. विदेशी होने के कारण नवीन को विशेष सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा. अपनी फ्रंटलाइन पोस्टिंग से पहले उन्हें छह हफ्ते तक फ्रांसीसी, जर्मन और इजरायली सैन्य प्रशिक्षकों ने ट्रेनिंग दी. शुरुआत में उन्हें युद्ध का डर था, लेकिन उनके कमांडर एलेक्स ने उन्हें बुरी परिस्थितियों का सामना करने में मदद की. उन्होंने कहा कि हर दिन नए सैनिक सेना में शामिल हो रहे हैं.