- गांवों के नौजवान जो पंडाल से बाहर सड़क किनारे खड़े थे वह मदद के लिए दौड़े तो सेवादारों ने डंडा दिखाकर रोक दिया।
अलीगढ़ । सत्संग के बाद मची भगदड़ में महिलाएं सड़क किनारे बने गड्ढे में गिर गईं थीं। कई मदद के लिए चिल्ला भी रही थीं। लेकिन भीड़ इनके ऊपर से गुजरती रही। आसपास के गांवों के नौजवान जो पंडाल से बाहर सड़क किनारे खड़े थे वह मदद के लिए दौड़े तो सेवादारों ने डंडा दिखाकर रोक दिया। तकरीबन पौन घंटे तक भीड़ गड्ढे में गिरी महिलाओं के ऊपर से गुजरती रही। जब सेवादारों को पता चला कि कई महिलाएं मर गईं हैं तो वह मौके से फरार हो गए। यह बयान पांच गांवों के लोगों ने हाथरस की पुलिस लाइन में एसआईटी के समक्ष पेश होकर दर्ज कराए हैं। ग्रामीणों ने अफसरों को बताया कि अगर सेवादार ग्रामीणों को मदद करने से न रोकते तो इतने लोगों की मौत न होती।
हाथरस में भोलेबाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है। शासन ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। इसमें आगरा जोन के एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की कमिश्नर चेत्रा बी शामिल हैं। एसआईटी द्वारा घटना के वक्त मौके पर मौजूद रहे लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। बुधवार और बृहस्पतिवार को हाथरस की पुलिस लाइन में फुलरई, मुगलगढ़ी, रतिभानपुर, उमरावपुर , गढि़या और शाहपुर के ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए।