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अयोध्या में राम मंदिर के सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के हवाले, परिंदा भी नहीं मार सकेगा पर

  • अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक बल) को सौंपी गई है.
  • अगले साल जनवरी में मंदिर के उद्घाटन से पहले सीआईएसएफ अपना सुरक्षा का ताना-बाना यहां पर तैयार कर लेगी.
    नई दिल्ली,
    मंदिर के सुरक्षा प्लान की तैयारी का जिम्मा सीआईएसएफ के हवाले कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सीआईएसएफ के डीजी सहित दूसरे अधिकारियों ने हाल ही में राम मंदिर परिसर का दौरा किया था. सीआईएसएफ की कंसल्टेंसी विंग इस पूरे प्लान को तैयार करेगी. अगले साल जनवरी में मंदिर के उद्घाटन से पहले सीआईएसएफ अपना सुरक्षा का ताना-बाना यहां पर तैयार कर लेगी. सूत्रों के मुताबिक सीआईएसफ की रणनीति में राम जन्मभूमि परिसर को अधिक से अधिक तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान करना है जिसमें एंटी ड्रोन तकनीक भी शामिल रह सकता है. सुरक्षा ऐसी होगी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. वर्तमान में राम जन्मभूमि की सुरक्षा में सीआरपीएफ पुलिस और पीएसी तैनात है सूत्रों के मुताबिक जहां गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले हैं तो वही अन्य बाहरी सुरक्षा पुलिस के हवाले हैं.
    प्रधानमंत्री ने रखी थी नींव
    उत्तर प्रदेश के अयोध्या में लगभग 3 सालों से चल रहे निर्माण के बाद अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर की आकर्षक झलक मिलने लगी है. तीन साल पहले 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर मंदिर की नींव रखी थी. अब मंदिर के भूतल का कार्य लगभग पूरा होने को है. 31 दिसंबर 2023 तक खिड़की दरवाजों और फर्श समेत मंदिर की फर्निशिंग का कार्य पूरा हो जाएगा. मकर संक्रांति यानी 15 जनवरी के बाद कभी भी रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की गर्भ ग्रह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी. इसी के बाद भक्त राम लला का उनके भव्य मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. पिछले 3 सालों में निर्मित हुआ रामलला का मंदिर कितना भव्य और विशाल है, कितनी खूबसूरती से बनाया गया है, इसका एक वीडियो हाल ही में जारी किया गया था.
    धार्मिक थीम के आधार पर होंगे मंदिर के खंभे, छत और दीवारें
    श्री राम जन्म भूमि मंदिर के खंभे, दीवारें और छत धार्मिक थीम के आधार पर तैयार किए जा रहे हैं. इसके लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी आर्ट सेंटर के आर्टिस्ट के अलावा कई धार्मिक विद्वानों और संतों की मदद ली गई है. इसी टीम के अनुसार, मंदिर के खंभों पर ऊपर से नीचे तक देवी देवताओं की आकृति उकेरी जा रही है.
    2025 तक पूरे हो जाएंगे सभी निर्माण कार्य
    एक तरफ गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित होने वाले रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति तैयार हो रही है, दूसरी तरफ महाराष्ट्र से आई सागौन की लकड़ी से मंदिर के दरवाजे और खिड़कियां बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. मंदिर के भूतल का यह कार्य 31 दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ मंदिर का निर्माण कार्य जारी रहेगा. साल 2025 तक श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर के साथ सभी निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे.

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