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- राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि वायनाड सीट पर उपचुनाव कब होंगे. इसको लेकर चुनाव आयोग कभी भी फैसला ले सकता है.
नई दिल्ली । गुजरात की सूरत कोर्ट ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को दोषी माना है. 23 मार्च को कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई और अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता रद्द करने की जानकारी दे दी. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे. लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, ये सीट 23 मार्च से खाली हो गई है. ऐसे में अब वहां पर दोबारा से चुनाव कराए जाएंगे, जिसको लेकर इलेक्शन कमीशन जल्द ही फैसला ले सकता है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 151ए के तहत चुनाव आयोग को संसद और विधानसभाओं में रिक्त सीटों पर उपचुनाव करवाने का अधिकार देती है. वायनाड सीट 23 मार्च को खाली हो गई थी और धारा 151ए के अनुसार, चुनाव आयोग को 22 सितंबर, 2023 तक निर्वाचन क्षेत्र से एक नए सांसद का चुनाव करने के लिए उपचुनाव कराना अनिवार्य है.
अगर ये हुआ तो टल सकता है उपचुनाव
हालांकि, राहुल गांधी के पास सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का विकल्प खुला हुआ है. ऐसे में अगर कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाती है तो वायनाड सीट पर उपचुनाव टल सकता है. हाल के दिनों में ऐसा ही कुछ लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में हुआ. कोर्ट ने 11 जनवरी, 2023 को हत्या के प्रयास के मामले में मोहम्मद फैजल की दोषी पाया था. जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई.
सजा पर केरल HC ने लगाई रोक
सजा के दो दिन बाद, लोकसभा सचिवालय ने 11 जनवरी से ही फैजल की अयोग्यता को अधिसूचित कर दिया. चुनाव आयोग ने तत्काल उपचुनाव की घोषणा की. हालांकि, उनकी सजा पर केरल हाई कोर्ट ने रोक लगा दी और चुनाव आयोग ने उपचुनाव की नोटिफिकेशन को निलंबित कर दिया. दिलचस्प बात यह है कि केरल हाई कोर्ट की राहत के बावजूद मोहम्मद फैजल सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते हैं.