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- भारत सहित पांच देशों में किए गए अध्ययन के निष्कर्षों से जानकारी सामने आयी है।
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में यह बीमारी भी शामिल है।
नई दिल्ली। एक आसान और रैपिड रक्त जांच की मदद से बच्चों में टीबी का सटीक तरीके से पता लगाया जा सकेगा। भारत सहित पांच देशों में किए गए अध्ययन के निष्कर्षों से जानकारी सामने आयी है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हर साल दुनियाभर में करीब 2,40,000 बच्चों की टीबी से मौत होती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में यह बीमारी भी शामिल है। टीबी से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में अक्सर इस बीमारी का पता न लग पाना या फिर समय पर निदान नहीं हो पाना है, खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां संसाधन बहुत सीमित हैं। द लांसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में इस नई जांच के बारे में बताया गया है, जो तपेदिक के निदान में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नई जांच की तत्काल जरूरत
टीबी की जांच आमतौर पर बलगम के सूक्ष्म विश्लेषण के आधार पर की जाती है हालांकि, बच्चों से इस तरह के नमूने लेना मुश्किल होता है। जर्मनी स्थित लडविग मैक्सीमिलियन यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख की शोधकर्ता लारा ओल्ब्रिच ने कहा कि इसलिए नई जांच की तत्काल जरूरत है। ओल्ब्रिच ने बताया कि इस जांच की यह खूबी है कि रक्त का नमूना सिर्फ आपकी अंगुली से लिया जा सकता है और इसका परिणाम बहुत जल्दी आ जाता है। उन्होंने कहा कि एक घंटे के भीतर परिणाम मिल जाता है। अन्य जांच में नमूनों को विश्लेषण के लिए दूसरी प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है।
रैपिड टीबी अध्ययन
शोधकर्ताओं ने यह जांच रैपिड-टीबी अध्ययन के हिस्से के रूप में की, जिसे एलएमयू यूनिवर्सिटी हास्पिटल, म्यूनिख के शोधकर्ता नार्बर्ट हेनरिक के नेतृत्व में किया गया। अध्ययन को दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, तंजानिया, मलावी व भारत में मौजूद सहयोगियों की मदद से किया गया।