- निपाह वायरस से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई
- दो और मरीजों में वायरस की पुष्टि,जिसमें एक 9 साल का बच्चा और 24 साल का युवक शामिल है।
केरल में एक बार फिर से निपाह वारयस का प्रकोप देखने को मिल रहा हैं।केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से दो लोगों की मौत हो गई हैं। वहीं दो और मरीज मिलने की पुष्टि हुई हैं। निपाह वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए।जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड सहित 3 जिले वायनाड, कन्नूर और मलप्पुरम में निपाह वायरस को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। अभी तक राज्य में आधिकारिक तौर पर निपाह के फैलने की घोषणा नहीं की गई है।
निपाह वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए 7 ग्राम पंचायतों को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। कंटेनमेंट जोन वाले इलाके में लोगों मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।वहीं जिला अधिकारी ने कंटेनमेंट जोन में वाने वाले सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आंगनबाड़ी केंद्र, बैंक और सरकारी संस्थानों को बंद रखें जाने आदेश दिए है। इसके साथ ही दवाइयां और जरूरी चीजों की दुकानें ही सुबह 5 बजे शाम 7 से तक खोलने की इजाजत है।
कैसे फैलता हैं, निपाह वायरस
निपाह वायरस चमगादड़ और सुअर जैसे जानवरों के संपर्क में आने से इंसानों में फैल सकता है। बुधवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि पुणे से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की टीम निपाह वायरस की जांच को लेकर आज केरल आएगी। कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में NIV की टीम चमगादड़ों का सर्वे भी करेगी।
आपको बता दें कि केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में 2018 में निपाह वायरस से 17 लोगों की मौत हुई थी। इससे बाद 2019 में कोच्चि में भी निपाह वायरस का मामला सामने आया था। 2021 में भी कोझिकोड में निपाह वायरस का एक केस मिला था। 2023 में निपाह वायरस फिर अपने पैर फैला रहा हैं । इस साल केरल में निपाह से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई । इसके साथ ही दो और मरीजों में इस वायरस के होने की पुष्टि हुई हैं । जिसमें एक 9 साल का बच्चा और 24 साल का युवक शामिल है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस चमगादड़ और जानवरों से फैलने के साथ, इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार निपाह वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों में वायरल फीवर होने के साथ सिरदर्द, उल्टी जैसा लगना, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। निपाह वायरस संक्रमण के लिए कोई दवा या टीका नहीं है, हालांकि डब्ल्यूएचओ ने डब्ल्यूएचओ अनुसंधान और विकास ब्लूप्रिंट के लिए निपाह को प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में पहचाना है। इसके अलावा गंभीर सांस की दिक्कत और पेट या आंत में दिक्कत आने पर इलाज के डाक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है। (रिंंकी कुमारी)