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- इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हम कहेंगे कि इस सर्वेक्षण पर स्थगन आदेश पारित करने का कोई आधार नहीं है।
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुगी । 24 जुलाई को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक यथास्थिति का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट जा सकता है। ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एएनआई को बताया कि 21 जुलाई, 2023 को पारित वाराणसी जिला अदालत के आदेश में कोई कमजोरी या गलती नहीं है। जिला अदालत की ओर से पारित लिखित आदेश में एक सुरक्षा उपाय का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि संरचना (कथित शिवलिंग) को नुकसान पहुंचाए बिना सर्वेक्षण किया जाना चाहिए। अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हम कहेंगे कि इस सर्वेक्षण पर स्थगन आदेश पारित करने का कोई आधार नहीं है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट आज इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित कर सकता है, इसलिए हम भी यहां अपनी चिंताओं को रखने के लिए पहुंचे हैं।
मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने दायर की थी कैविएट
जानकारी के मुताबिक हिंदू पक्ष की ओर से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक कैविएट याचिका वकील सौरभ तिवारी के माध्यम से दायर की गई है। इसके अलावा श्रृंगार गौरी स्थल मामले में मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह भी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण के समर्थन में सामने आईं। अपनी कैविएट में राखी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि अगर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति वाराणसी अदालत के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती देने के लिए उनके पास आती है, तो याचिकाकर्ता को सुने बिना अपना फैसला न दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
बता दें कि सोमवार (24 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि काशी विश्वनाथ मंदिरों से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश को 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक लागू नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ का कहना था कि इस बीच मस्जिद समिति अपनी याचिका के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकती है।