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- हिंसा प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं अगले पांच दिनों तक निलंबित रहेंगी।
- राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को 10 जुलाई तक बढ़ा दिया।
मणिपुर, मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 10 जुलाई तक बढ़ा दिया है। मणिपुर गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जानमाल के नुकसान, सार्वजनिक या फिर निजी संपत्ति को नुकसान, सार्वजनिक शांति में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए इंटरनेट पर बैन बढ़ाया गया है। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2 के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में मोबाइल डेटा सेवाओं, ब्रॉडबैंड समेत इंटरनेट/डेटा सेवाओं पर और अधिक निलंबन/रोक लगाने का आदेश देता हूं। आदेश तत्काल प्रभाव से 10 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे तक लागू रहेगा। कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए फोटोज, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो मैसेज को फैलाने के लिए सोशल मीडिया का यूज कर सकते हैं, जिसका मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर हो सकता है।
2 महीने बाद राज्य में पहली से आठवीं तक के स्कूल खुले
इससे पहले बुधवार को मणिपुर सरकार के शिक्षा विभाग (स्कूल) के तहत स्कूल 3 मई को पहाड़ी राज्य में भड़की जातीय हिंसा के कारण दो महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद कक्षा 1-8 के लिए फिर से खुल गए और अपनी सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू कर दीं। सूत्रों ने बताया कि यह कदम छात्रों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। लंबी गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने से छात्रों के माता-पिता और अभिभावक खुश हैं। बता दें कि मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी। मणिपुर में हिंसा के कारण हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि अब तक 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।