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संगम तट पर ताकत दिखाएगी भारतीय वायुसेना

  • भारतीय वायुसेना दिवस इस बार संगम नगरी कहे जाने वाली प्रयागराज में मनाया जाएगा।
  • वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
    नई दिल्‍ली ।
    भारतीय वायु सेना दिवस हर वर्ष की तरह इस बार भी 8 अक्टूबर को अपना वायु सेना दिवस मनाएगी और 2023 का भारतीय वायुसेना दिवस इस बार संगम नगरी कहे जाने वाली प्रयागराज में मनाया जाएगा। एयरफ़ोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक यह फैसला देश के अलग अलग हिस्सों में वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
    भारतीय वायुसेना की स्थापना
    जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इसी दिन साल 1932 में भारतीय वायुसेना की स्थापना की गई थी। भारतीय वायुसेना की जरूरत जब भी थल सेना को पड़ी ये रीढ़ की तरह काम आया है।
    संगम के तट पर ताकत दिखाएंगे वायुसैनिक
    वायुसेना दिवस के दिन जो परेड होगी उसकी कमान बमरौली में होगी। 91वें वायुसेना दिवस पर फ्लाई पास्ट संगम क्षेत्र पर होगी। रफाल, सुखोई, जगुवार, मिग-29, तेजस, चिनूक और अपाचे जैसे एयरकाफ्ट गंगा और सरयू नदी के संगम पर अपनी ताकत दुश्मन देश को दिखायेंगे। वहीं हॉक विमानों से लैस सुर्यकिरण टीम और सारंग हेलीकॉप्टर की टीम हवाई हैरतअंगेज करतब दिखायेगी जिसे देखकर लोग जोरदार ताली जरूर बजाएंगे।
    पिछली साल चंडीगढ़ में मना था वायुसेना दिवस
    इससे पहले चंडीगढ़ के सुकना लेक पर वायुसेना दिवस मनाया गया था। पहले वायुसेना दिवस गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर मनाया जाता था और उससे पहले दिल्ली के पालम एयरबेस पर। स्थापना दिवस के मौके पर वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है। हमारी वायुसेना दुनियां की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है और यह 140 करोड़ आबादी की सुरक्षा का भरोसा 24 घंटे देती है। आपको बता दे कि भारतीय वायुसेना के सामने चीन और पाकिस्तान से लगातार चुनौतियां मिलती है जिसका वह समय समय पर मुहतोड़ जवाब देती रहती है।
    भारतीय वायु सेना का गौरवशाली इतिहास
    इंडिया एयर फोर्स की स्थापना आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी. उस समय भारत में अंगेजों का शासन था और इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स नाम से जाना जाता था. इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतांत्रिक देश बनाने पर ‘रॉयल’ उपसर्ग को हटा दिया गया. भारत की आजादी से पहले 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने सहायक सेना के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके पहले चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट थे, जो 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे. उन्होंने ही एयरफोर्स को आर्मी से आजाद करवाया था.हालांकि प्रथम भारतीय के रूप में एयर मार्शल सुब्रत मुखर्जी ने 1 अप्रैल 1954 को एयर फोर्स के चीफ आफ स्टाफ के रूप मे वायु सेना अध्यक्ष का पद भार सम्भाला था. इंडियन एयरफोर्स का प्राथमिक मिशन भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना तथा सशस्त्र संघर्ष के दौरान हवाई गतिविधियों का संचालन करना होता है. भारत की वायुसेना के प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन पूमलाई, और ऑपरेशन विजय शामिल है.

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