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ईरान के जेल में कैद पांच भारतीय नाविक पहुंचे अपने देश, झूठे मामले में जेल में गुजारे 403 दिन

  • झूठे आरोपों में ईरान के चाबहार जेल में 403 कैद रहने वाले भारतीय नाविक आज भारत लौट आए हैं।
  • जांच पूरी होने तक देश से बाहर जाने की अनुमित नहीं थी। इनका पूरा खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया गया है।
    नई दिल्ली ।
    5 भारतीय नाविक जिन्हें 403 दिनों तक बिना किसी आरोप के ईरान के चाबहार सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया था, वे आज भारत लौट आए हैं। इन चारों को चाबहार और कोणार्क, सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत, ईरान में अधिकारियों के साथ जांच पूरी होने तक भारत जाने की अनुमति नहीं थी।
    भारत सरकार ने उठाया पूरा खर्च
    बताया जा रहा है कि उनकी वापसी का खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया गया और भारतीय विश्व मंच द्वारा सुविधा प्रदान की जा रही है। भारत के दूतावास, तेहरान ने केंद्र को दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद आज तक उन्हें रहने और खाने की सुविधा प्रदान की थी।
    झूठे आरोपों में फंसे थे पांचों भारतीय नाविक
    अनिकेत येनपुर, मंदार वर्लीकर, नवीन सिंह, प्रणव कुमार और तमिझसेल्वन रंगासामी को उनके जहाज आर्टिन 10 के साथ हरमोन की खाड़ी में 20 फरवरी, 2020 को ईरानी सुरक्षा बलों ने पकड़ा था। इन पांचों को नशीले पदार्थों की तस्करी की आपराधिक साजिश का संदेह में गिरफ्तार किया था। इसके कारण पांचों को जेल में 403 दिन बिताने पड़े थे, लेकिन इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।
    रिहाई के बाद भी आसान नहीं थी जिंदगी
    हालांकि, उसके बाद उनकी जिंदगी आसान नहीं थी। उन्हें रिहा करने के बाद भी पासपोर्ट नहीं दिया गया था और वे सड़कों पर भटकने के लिए मजबूर हो गए थे। विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए काम करने वाले संगठन इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार लगायी है ताकि अपने नियोक्ताओं द्वारा झूठे आरोपों में कैद एवं यातनाएं झेल रहे इन युवाओं को शीघ्रातिशीघ्र स्वदेश लाया जा सके।

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