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- दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को नीलम आजाद की याचिका को खारिज कर दिया.
- नीलम आजाद ने याचिका दायर कर की थी जल्द सुनवाई की मांग.
नई दिल्लीः संसद सुरक्षा चूक मामले की आरोपी नीलम आजाद को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. गुरुवार को हाईकोर्ट ने संसद घटना मामले की आरोपी नीलम ने जल्द सुनवाई की याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘मामले में ऐसी कोई इमरजेंसी नहीं है, इसे पहले से तय 3 जनवरी की तारीख को ही सुना जाएगा.’ आरोपी नीलम आजाद ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और आरोप लगाया कि उसकी पुलिस हिरासत अवैध है. क्योंकि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसे बचाव करने के लिए पसंद के वकील से परामर्श लेने की अनुमति नहीं दी गई. याचिका में उसे उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करने का निर्देश देने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट जारी करने के साथ ‘उसे स्वतंत्र करने’ का आदेश देने का अनुरोध किया था. याचिका में नीलम आजाद ने कहा कि उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं देना संविधान के तहत उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है, जिससे हिरासत आदेश गैर-कानूनी हो जाता है. निचली अदालत ने उसे पांच जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा है. दिल्ली हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को मामले को तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेखित किया गया. 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था. इस दौरान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और नारे लगाते हुए एक ‘केन’ से पीली गैस छोड़ी थी. हालांकि, कुछ सांसदों ने इन दोनों को पकड़ लिया था. लगभग इसी समय दो अन्य व्यक्तियों (अमोल शिंदे और नीलम आजाद) ने कथित तौर पर संसद भवन परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ का नारा लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़ी थी.