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- भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया कि दोनों देशों के स्पेसक्राफ्ट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। दोनों स्पेसक्राफ्ट के बीच 118 किमी. की दूरी होगी।
नई दिल्ली । भारत के चंद्रयान-3 के बाद अब रूस ने भी लूना-25 मून स्पेसक्राफ्ट लाॅन्च कर दिया हैं। रूस का यह मिशन चंद्रयान-3 के एक महीने बाद लाॅन्च किया गया है लेकिन चंद्रयान से पहले मून की सतह पर लैंड कर जाएगा। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की मानें तो 21 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर उतर जाएगा। वहीं भारत का चंद्रयान 23 अगस्त को चांद पर पहुंचेगा।
दोनों स्पेसक्राफ्ट के बीच 118 किमी. की दूरी
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया कि दोनों देशों के स्पेसक्राफ्ट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। दोनों स्पेसक्राफ्ट के बीच 118 किमी. की दूरी होगी। इसरो ने दोनों की लोकेशन भी शेयर की है। चंद्रयान 69.63 दक्षिण, 32.32 पूर्व है जबकि लूना की लोकेशन 69.5 दक्षिण 43.5 पूर्व है। बता दें कि भारत का चंद्रयान लूना की अपेक्षा ज्यादा सफर कर रहा है। इसका कारण रूसी राॅकेट भारतीय राॅकेट की तुलना में ज्यादा बड़ा और ताकतवर है। वहीं रूसी एजेंसी ने कहा कि दोनों मिशन अलग-अलग जगह उतरेंगे। इसलिए दोनों के बीच कोई टकराव नहीं होगा। बता दें कि भारत का चंद्रयान सिर्फ 14 दिनों तक चांद पर काम करेगा वहीं लूना एक साल तक चांद पर रिसर्च करता रहेगा।