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- त्रिची में किसानों ने अपने राज्य में नदी का पानी छोड़ने की मांग की
- तमिलनाडु सरकार कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से और हरसंभव प्रयास कर रही है.
नई दिल्ली. कावेरी जल विवाद पर रविवार को तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. त्रिची में किसानों ने अपने राज्य में नदी का पानी छोड़ने की मांग की, जबकि कन्नड़ समर्थक संगठनों के साथ-साथ कर्नाटक के मांड्या में भी किसानों ने आंदोलन जारी रखा. डीएमके ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इस मुद्दे को कूटनीतिक रूप से संभालने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हालांकि कर्नाटक सरकार का तर्क यह भी है कि उसके पास अपने पड़ोसी राज्य को भेजने के लिए पर्याप्त पानी नहीं है. हालांकि उनका (कर्नाटक) तर्क यह है कि कावेरी में पानी की कमी है, साथ ही तमिलनाडु को नुकसान हो रहा है क्योंकि डेल्टा के किसान पूरी तरह से कृषि पर निर्भर है. तमिलनाडु सरकार कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से और हरसंभव प्रयास कर रही है. डीएमके ने कहा, ”इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए केंद्र सरकार और जल शक्ति मंत्री के समर्थन के साथ-साथ सभी संभावित स्रोतों के माध्यम से समन्वय की मांग की जा रही है. सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमारे सीएम इस मुद्दे को बहुत ही कूटनीतिक तरीके से संभाल रहे हैं और हमें उम्मीद है कि तमिलनाडु को उसका हक मिलेगा.