पटना। बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने सोमवार को अपने बहुप्रतीक्षित जाति सर्वेक्षण के निष्कर्ष जारी किए। जिसमें पता चला कि राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है, जिसमें से 27 प्रतिशत आबादी पिछड़ा वर्ग और 36 प्रतिशत आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
विकास आयुक्त विवेक सिंह द्वारा यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग 27.13 प्रतिशत है। इस तरह से देखा जाए तो राज्य की आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी 63 प्रतिशत है। दूसरी तरफ सवर्ण जातियों की आबादी 16 प्रतिशत है, वहीं 19 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग की है।
बिहार के जातिगत सर्वे के अनुसार, राज्य की कुल आबादी 13,07,25,310 है। सर्वे में विभिन्न धर्मों की आबादी के आकंड़े भी जारी किए गए हैं। राज्य में लगभग 81.99 प्रतिशत आबादी हिंदू, वही 17.70 प्रतिशत आबादी इस्लाम धर्म से है। इसके अलावा 0.05 प्रतिशत आबादी ईसाई, 0.01 प्रतिशत सिख, 0.08 प्रतिशत बौद्ध और करीब 0.12 प्रतिशत आबादी अन्य धर्मों से है।
इन जारी आंकड़ों पर प्रधानमंत्री मोदी ने निशाना साधते हुए कहा, विपक्ष ने हमेशा से देश को बांटने की कोशिश की है। बीतें 60 साल से देश को बांटने की कोशिश की और आज भी वहीँ काम कर रहे। वहीँ बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा, बिहार में कराई गई जातिगत जनगणना को लेकर शीघ्र ही विधानसभा में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जाति आधारित गणना का जिन 9 दलों ने विधानसभा में समर्थन किया था, उन्हीं दलों की विधानसभा में बैठक बुलाई जाएगी और उन्हें जाति आधारित गणना के परिणामों से अवगत कराया जाएगा।