- पूजा खेडकर ने विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए गलत पता और फर्जी राशन कार्ड का इस्तेमाल किया था।
नई दिल्ली। प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पूजा खेडकर ने विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए गलत पता और फर्जी राशन कार्ड का इस्तेमाल किया था। इसका खुलासा इंडिया टुडे को मिले दस्तावेजों से हुआ है। खेडकर ने यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (वाईसीएम) अस्पताल को ‘प्लॉट नंबर 53, देहू-आलंदी, तलवड़े’ का पता प्रस्तुत किया और दावा किया कि यह पिंपरी-चिंचवाड़ में उनका निवास है।
हालांकि, यह पता चला है कि यह पता थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक एक बंद कंपनी का है। इसका किसी आवासीय संपत्ति से ताल्लुक नहीं है। दस्तावेजों से यह भी पता चला कि इस कंपनी के पते का उपयोग करके एक फर्जी राशन कार्ड बनाया गया था, जिसका उपयोग खेडकर ने चलने-फिरने में अक्षमता का दावा करते हुए विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए किया था। 24 अगस्त 2022 को जारी प्रमाण पत्र में कहा गया कि उनके घुटने में सात प्रतिशत विकलांगता है।
पूजा के पिता की संपत्ति की भी होगी जांच
दिलीप खेडकर, जिन्होंने 2020 में अपनी सेवानिवृत्ति तक महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के निदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उच्च अधिकारियों द्वारा निष्कर्षों की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई की उम्मीद है।